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सोशल मीडिया : वर्चुअल अवतार में मरने के बाद भी कर सकेंगे गुफ्तगू

एक शिक्षाविद ने दावा किया है कि मरने के बाद भी सोशल मीडिया में परिवार के सदस्‍य वर्चुअली हमेशा जीवित रहेंगे। ऐसा होने पर किसी व्‍यक्‍ित के न रहने पर भी परिजन उनके अवतार के साथ रोजमर्रा की घटनाओं और गतिविधियों पर बात कर सकेंगे। व्‍यक्‍ित के मरने के बाद

By Sachin kEdited By: Published: Wed, 28 Oct 2015 02:48 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2015 02:49 PM (IST)
सोशल मीडिया : वर्चुअल अवतार में मरने के बाद भी कर सकेंगे गुफ्तगू

लंदन। एक शिक्षाविद ने दावा किया है कि मरने के बाद भी सोशल मीडिया में परिवार के सदस्य वर्चुअली हमेशा जीवित रहेंगे। ऐसा होने पर किसी व्यक्ित के न रहने पर भी परिजन उनके अवतार के साथ रोजमर्रा की घटनाओं और गतिविधियों पर बात कर सकेंगे। व्यक्ित के मरने के बाद जो भी घटनाएं होंगी, उसके बारे में वर्चुअल अवतार को जानकारी रहेगी।

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टेस्साइड यूनविर्सिटी में एनिमेशन एंड प्रोस्ट प्रोडक्शन के रीडर सिमोन मेकोन ने दावा किया कि अगले 50 साल के अंदर कंप्यूटर इतने उन्नत हो जाएंगे कि वे लोगों के अतीत, प्राथमिकताओं और सोशल मीडिया में हिस्ट्री के आधार पर उनकी 'सिंथेटिक डिजिटल लाइफ' को बना सकेंगे।

फोटोग्रामिट्री नाम के प्रॉसेस के जरिये इन अवतारों को क्रिएट किया जाएगा। यह मौजूदा तस्वीरों और वीडियो के जरिये मृत इंसान का वैसा वर्चुअल 3डी शेप को री कंस्ट्रक्ट करेगा, जैसा वह जीवित अवस्था में दिखता था। इसके अलावा 'कंप्यूटर वॉइस सिंथेसिस' स्थानीय और क्षेत्रीय बोली के लहजे को समझकर मृत व्यक्ित का वर्चुअल दुनिया में अधिक सही प्रतिनिधित्व कर सकेगा।

यानी किसी व्यक्ित के नहीं रहने पर भी कंप्यूटर व्यक्ित के अतीत, उसकी प्राथमिकताओं, जिस जगह का वह रहने वाला है वहां के लहजे को मिलाकर ऐसी आभासी दुनिया बना लेगा कि वह परिवार के जीवित सदस्यों को अहसास ही नहीं होगा कि वह सदस्य अब इस दुनिया में नहीं है।

सोशल मीडिया से जुड़ी रहेगी डिजिटल लाइफफॉर्म

डिजिटल लाइफोर्म सोशल नेटवर्क और बड़े डाटाबेस के साथ जुड़ी रहेगी, ताकि वर्चुअल अवतार परिजनों की गतिविधियों के बारे में अप टू डेट रहेंगे और वे उनके दिन के बारे में पूछ सकेंगे।

सिमोन मेकोन ने इस विचार को 'प्रिजर्व्ड मेमोरीज' कहा है और दावा किया है कि लोग एक वास्तविकता का निर्माण कर सकेंगे, जिसके बाद उन्हें अपने परिजनों को कभी अलविद कहने की जरूरत नहीं होगी। किसी परिजन के नहीं रहने का आभास ही नहीं होगा।

ऐसे होगा वर्चुअल सदस्य अपडेट

आपका दिन कैसा गया? क्या नई चीजें आपकी जिंदगी में घटित हुईं? इसकी जानकारी मरने के बाद भी डिजिटल लाइफ में परिवार के वर्चुअल सदस्य को कैसे मिलेगी। दरअसल, वाई-फाई, जीपीएस, हेल्थ एंड फिटनेस ट्रैकिंग, कंज्यूमर रिकॉर्ड आदि के जरिये आपकी रोजमर्रा की गतिविधियां लाइफ फॉर्म में अपडेट होती रहेंगी।

परिवार के वर्चुअल सदस्य को पता होगा कि क्या आप परीक्षा या ड्राइविंग टेस्ट में पास हो गए या आप छुटि्टयों पर जा रहे हैं। आपने नए जूते खरीदे हैं या अपने चाहने वाले को धोखा दिया है। सोशल मीडिया में आपने जो कहा है, उसकी उन्हें जानकारी होगी। इसके अलावा रोजना होने वाली गतिविधियों पर भी उनकी नजर रहेगी।

पराग्वे में दिखा रहे हैं झलक

वह वर्तमान में पराग्वे के डॉक्स सेंटर फॉर कॉन्टेंपररी आर्ट में 'प्रिजर्व्ड मेमोरीज' की झलक दिखा रहे हैं। यह ब्रेव न्यू वर्ल्ड एग्िजबिशन का हिस्सा है, जो अगले साल 25 जनवरी तक चलेगी।

साभारः नई दुनिया


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