अमेरिकी सरकार इंटरनेट के लिए खतरा : जुकरबर्ग
वाशिंगटन। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि गत गुरुवार को उन्होंने राष्ट्रपति बराक ओबामा को फोन करके शिकायत की कि अमेरिकी खुफिया निगरानी कार्यक्रम के कारण इंटरनेट से लोगों का भरोसा उठ रहा है। अपने फेसबुक पेज पर डाली पोस्ट में उन्होंने वाशिंगटन के प्रति गुस्सा जाहिर किया है। उनकी यह प्रतिक्रिया
वाशिंगटन। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने कहा है कि गत गुरुवार को उन्होंने राष्ट्रपति बराक ओबामा को फोन करके शिकायत की कि अमेरिकी खुफिया निगरानी कार्यक्रम के कारण इंटरनेट से लोगों का भरोसा उठ रहा है।
अपने फेसबुक पेज पर डाली पोस्ट में उन्होंने वाशिंगटन के प्रति गुस्सा जाहिर किया है। उनकी यह प्रतिक्रिया अमेरिकी सरकार के गोपनीय निगरानी कार्यक्रम को लेकर नए रहस्योद्घाटन के बाद आई है। जुकरबर्ग ने लिखा, अमेरिकी सरकार हमारे भविष्य को जिस तरीके से नुकसान पहुंचा रही है, उस पर अपनी हताशा जाहिर करने के लिए मैंने राष्ट्रपति ओबामा को फोन किया था। दुर्भाग्य से वास्तविक सुधार होने में अभी लंबा समय लगेगा। उनकी यह प्रतिक्रिया गार्जियन अखबार की उस रिपोर्ट के बाद आई है जिसमें कहा गया था कि अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) ने मालवेयर विकसित कर लिया है, जिससे दुनियाभर के लाखों कंप्यूटरों से डाटा को संग्रहित किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि खुफिया एजेंसी ने अपनी खुफिया निगरानी क्षमता बढ़ाने के लिए फेसबुक के एक सर्वर की नकल की थी ताकि कंप्यूटरों में मालवेयर को डाला जा सके।
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जुकरबर्ग ने लिखा, हमें इंटरनेट के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हमारे इंजीनियर जब जी तोड़ मेहनत करते हैं तो हमें लगता है कि हम आपकी अपराधियों से सुरक्षा कर रहे हैं न की अपनी ही सरकार से। अमेरिकी सरकार को इंटरनेट अधिकारों का समर्थक बनना चाहिए, खतरा नहीं। अपने काम में उन्हें और अधिक पारदर्शी होने की जरूरत है नहीं तो लोग बुराई में विश्वास करने लगेंगे। हाल के महीनों में एनएसए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन द्वारा लीक किए गए दस्तावेजों में भी कहा गया था कि एनएसए ने माइक्रोसॉफ्ट, याहू, गूगल, फेसबुक, पालटॉक, एओएल, यूट्यूब, स्काइप और एपल जैसी नौ बड़ी तकनीकी कंपनियों के सर्वरों तक पहुंच बनाई थी।