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देश छोड़ने न पाएं मुशर्रफ: सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह के मामले में परवेज मुशर्रफ की पेशी का निर्देश दिया है। मुशर्रफ को मंगलवार को कोर्ट में पेश होना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यह निर्देश दिया है कि मुशर्रफ का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में शामिल किया जाए ताकि किसी भी सूरत में वो पाकिस्तान छोड़ कर न जा पाएं।

By Edited By: Published: Mon, 08 Apr 2013 07:59 AM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2013 06:06 PM (IST)
देश छोड़ने न पाएं मुशर्रफ: सुप्रीम कोर्ट

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह के मामले में परवेज मुशर्रफ की पेशी का निर्देश दिया है। मुशर्रफ को मंगलवार को कोर्ट में पेश होना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को यह निर्देश दिया है कि मुशर्रफ का नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट में शामिल किया जाए ताकि किसी भी सूरत में वो पाकिस्तान छोड़ कर न जा पाएं।

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1999 में तख्तापलट के जरिये सत्ता में आए मुशर्रफ ने 2007 में देश में इमरजेंसी लगा दी थी। संविधान तोड़ने वाले मुशर्रफ पर इसी वजह से देशद्रोह का आरोप लगाया गया है। मुशर्रफ के खिलाफ याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस इफ्तिखार चौधरी की अगुवाई में तीन जजों की बेंच को करना था, लेकिन चीफ जस्टिस ने खुद को इस सुनवाई से अलग कर लिया है। गौरतलब है कि इफ्तिखार चौधरी को मुशर्रफ ने बर्खास्त कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि पांच वर्षों के निर्वासित जीवन बिताने के बाद पाकिस्तान पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ के लिए मुश्किलों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। उनका नामांकन खारिज कर देने के अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दाखिल एक याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। इस याचिका में मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की गई है। यह याचिका रावलपिंडी उच्च न्यायालय बार ऐसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष तौसिफ आसिफ ने दायर की है।

पीएमएल-नवाज ने भी निर्वाचन आयोग के समक्ष आवेदन दाखिल कर मुशर्रफ के चार मामलों में आरोपी होने का हवाला देते हुए उन्हें चुनाव लड़ने के अयोग्य करार देने की मांग की है। इनमें बेनजीर भुट्टो की हत्या और 2006 में एक सैन्य अभियान में बलूच नेता अकबर बुगती की हत्या के मामले शामिल हैं।

पाक में 11 मई को चुनाव होने वाले हैं। मुशर्रफ का जो नामांकन खारिज हुआ है उसे उन्होंने पंजाब प्रांत के एक निर्वाचन क्षेत्र से दाखिल किया था। अधिकारियों के मुताबिक, मुशर्रफ का नामांकन इस आधार पर खारिज किया गया है कि नॉमिनेशन पेपर पर उनका जो साइन था वह उनके राष्ट्रीय पहचान पत्र पर के साइन से अलग था। इसके अलावा एक वकील ने भी मुशर्रफ की उम्मीदवारी पर सवालिया निशान लगाए हैं। उसका कहना है कि मुशर्रफ ने संविधान की धारा 62 और 63 का उल्लंघन किया है। इन धाराओं के मुताबिक, चुनाव में शरीक होने वाले उम्मीदवार को अच्छे चरित्र वाला और समझदार और ईमानदार होना चाहिए। मुशर्रफ ने एक और निर्वाचन क्षेत्र से जो नामांकन दाखिल किया है, उस पर भी एक शख्स ने आपत्ति जताई है।

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