ट्रंप ने फिर दिया विवादित बयान कहा, हैकिंग के लिए आगेे आए रूस
डोनाल्ड ट्रंप अपने बयान को लेकर एक बार फिर से विवादों में हैं। इस बार वह रूस को हैकिंग का न्यौता देने को लेकर विवादों में घिरे हैं।
वाशिंगटन (राॅॅयटर)। रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीद्वार डोनाल्ड ट्रंप रूस को हिलेरी क्लिंटन का ई-मेल अकाउंट हैक करने का आमंत्रण दिया है। इसको लेकर उनकी तीखी आलोचना हो रही है। यह बयान उन्होंने कल दिया था। इसमें उन्होंने हिलेरी क्लिंटर का नाम लिए बिना रूस को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि तुम सुन रहे हो तो मैं उम्मीद करता हूं कि तुम उन 30,000 ई-मेल का पता लगाओगे जो फिलहाल गायब हैं। हालांकि इस बयान को लेकर अपनी आलोचनाओं से घिरे ट्रंप ने इस मुद्दे पर पलटने में कोई देर भी नहीं लगाई।
अपनी सफाई में उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उनके कहने का मतलब वह नहीं था जो निकाला जा रहा है। इसका अर्थ था कि यदि किसी के पास गायब ई-मेल हैं तो वे उसे एफबीआइ से साझा कर सकते हैं। दरअसल हिलेरी विदेश मंत्री के तौर पर निजी अकाउंट का इस्तेमाल करने को लेकर विवादों में रही हैं। हालांकि इस मामले में पिछले दिनों एफबीआइ ने उन्हें क्लीनचिट दे दी थी। वहीं ट्रंप अपने इस ताजा विवादित बयान के बाद पूर्व खुफिया और सैन्य अधिकारियों के निशाने पर भी आ गए हैं।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए के पूर्व निदेशक लियोन पेनेटा ने कहा है कि यह दूसरे देश को साइबर जासूसी की इजाजत देने जैसा है। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह सोचना मुश्किल है राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार इतना गैर जिम्मेदाराना बयान दे सकता है। रिटायर एडमिरल जॉन ह्यूस्टन ने इसे अपराध के लिए प्रेरित करने जैसा बताया है।
गौरतलब है कि हाल ही में डेमोक्रेटिक पार्टी के 19 हजार ई-मेल सार्वजनिक कर विकीलीक्स ने तूफान खड़ा कर दिया था। इसके पीछे भी रूस का हाथ होने का संदेह जताया जा रहा है। हालांकि ट्रंप के बयान पर रूस ने कहा है कि वह किसी देश के आंतरिक मामले में दखल नहीं देना चाहता।
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