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डोनाल्ड ट्रंप ने लेफ्टिनेंट जनरल मैक्मास्टर को अमेरिका NSA नियुक्त किया

ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो आवास में इसकी घोषणा करते हुये कल मैक्मास्टर को ‘अद्भुत प्रतिभा और अद्भुत अनुभव का धनी व्यक्ति बताया।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Tue, 21 Feb 2017 11:29 AM (IST)Updated: Tue, 21 Feb 2017 11:42 AM (IST)
डोनाल्ड ट्रंप ने लेफ्टिनेंट जनरल मैक्मास्टर को अमेरिका NSA नियुक्त किया
डोनाल्ड ट्रंप ने लेफ्टिनेंट जनरल मैक्मास्टर को अमेरिका NSA नियुक्त किया

वॉशिंगटन, जेएनएन। पिछले दिनों रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल माइकल फ्लिन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) पद से इस्तीफा देने के बाद अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और लेफ्टिनेंट जनरल को एनएसए नियुक्त किया है। लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैक्मास्टर अब नए एनएसए हैं। दिलचस्प बात है कि वह अभी तक सेना में हैं और अमेरिकी इतिहास में शायद यह पहला मौका है जब किसी सर्विंग ऑफिसर को एनएसए का पद दिया गया है।

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ट्रंप ने फ्लोरिडा में अपने मार-ए-लागो आवास में इसकी घोषणा करते हुये कल मैकमास्टर को ‘अद्भुत प्रतिभा और अद्भुत अनुभव का धनी व्यक्ति बताया।’ वर्तमान में मैक्मास्टर, आर्मी कैपेबिलिटीज इंटेग्रेशन सेंटर के निदेशक हैं।

इस बात का खुलासा होने के बाद कि फ्लिन ने अमेरिका में रूस के राजदूत के साथ प्रतिबंधों पर चर्चा के सबंध में उपराष्ट्रपति माइक पेंस को गुमराह किया है, ट्रंप ने फ्लिन से इस्तीका मांग लिया था। ट्रंप ने इस मामले को विश्वास का विषय करार दिया था।

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ट्रंप ने कहा कि मैं सिर्फ यह घोषणा करना चाहता हूं कि जनरल एच आर मैकमास्टर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होंगे। वह अद्भुत प्रतिभा और अनुभव के धनी व्यक्ति हैं। मैंने पिछले दो दिनों में बहुत कुछ देखा और पढ़ा है। सेना में हर व्यक्ति उनका बहुत सम्मान करता है। हम उन्हें शामिल कर बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

कार्यवाहक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल (सेवानिवृत्त) कीथ केलॉग अब ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा काउंसिल के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में काम करेंगे।

कौन हैं मैक्मास्टर ?

मैक्मास्टर को एक सैनिक-विद्यार्थी और एक सृजनात्मक सोच वाला इंसान माना जाता है। उनके पास नॉर्थ कैरोलिना की यूनविर्सिटी से इतिहास की डिग्री है और साथ ही उन्हें अमेरिकी आर्मी की उन कोशिशों में शामिल होने के लिए जाना जाता है जो युद्ध की तैयारियों से जुड़ी हैं।

वह फिलहाल वर्जिनिया में आर्मी के कैपेबिलिटीज इंटीग्रेशन सेंटर के डायरेक्टर हैं। यह एक तरह से आर्मी का थिंक-टैंक है। उन्होंने वर्ष 1991 में इराक वॉर के दौरान ट्रूप्स को कमांड किया। वर्ष 2003 में जब एक बार फिर अमेरिकी फौजें इराक में दाखिल हुई तो उस समय वर्ष 2005-2006 में उन्हें ट्रूप्स को कमांड करने के लिए भेजा गया। वर्ष 1997 में उन्होंने एक किताब 'डेरिलिक्शन ऑफ ड्यूटी ' भी लिखी है।

हालांकि अगर रूस पर लेफ्टिनेंट जनरल मैक्मास्टर के नजरिए को समझा जाए तो वह रूस के विरोधी नजर आते हैं। अमेरिका के पूर्व एनएसए माइकल फ्लिन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन पर एफबीआइ ने आरोप लगाया था कि उन्होंने चुपचाप गुप्त तरीके से रूस के साथ अमेरिकी प्रतिबंधों पर चर्चा की थी। वह सिर्फ तीन हफ्तों तक ही इस पद पर रहे। इस तरह से वह अमेरिका के ऐसे एनएसए बन गए हैं जिन्होंने सबसे कम समय तक बतौर एनएसए अपनी जिम्मेदारियां दी।

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