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सीरिया के मुद्दे पर बढ़ने लगी है रूस और अमेरिका में तल्‍खी, संबंधों में खटास

नाटो के एक पूर्व कमांडर ने माना है कि सीरिया के मुद्दे पर अमेरिका और रूस के संबंध खराब हुए हें। रिटायर्ड एडमिरल जेम्‍स स्‍टाव्रिडीस का कहना है कि रूस की सेना ठीक नहीं है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Mon, 10 Apr 2017 11:56 AM (IST)Updated: Mon, 10 Apr 2017 12:54 PM (IST)
सीरिया के मुद्दे पर बढ़ने लगी है रूस और अमेरिका में तल्‍खी, संबंधों में खटास
सीरिया के मुद्दे पर बढ़ने लगी है रूस और अमेरिका में तल्‍खी, संबंधों में खटास

न्‍यूयार्क (आईएएनएस)। सीरिया में रासायनिक हमले के जवाब में किए गए अमेरिकी हमले के बाद रूस और अमेरिका के संबंधों में लगातार तल्‍खी देखने को मिल रही है। एक पूर्व नाटो कमांडर रिटायर्ड एडमिरल जेम्‍स स्‍टाव्रिडीस ने माना है कि इन दोनों घटनाओं के बाद दोनों ही देशों के संबंधों में खटास पैदा हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जेम्‍स ने रेडिया पर प्रसारित एक कार्यक्रम के दौरान यहां तक कहा है कि अब अमेरिका को रूस की सच्‍चाई का पता लगने लगा है। उनका कहना था कि वह मानते हैं कि ट्रंप प्रशासन के कुछ वरिष्‍ठ अधिकारी इस सच्‍चाई से अब पूरी तरह से अवगत हैं कि रूसी सेना विश्‍व के लिए सही नहीं है।

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उन्‍होंने कहा कि वह मानते हैं कि यह सच्‍चाई अब सभी के सामने है कि रूस या उसके राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन किस तरह के पार्टनर हो सकते हैं। सीरिया में किए गए रासायनिक हमले से यह बात काफी हद तक साबित हो गई है। जेम्‍स की यह प्रतिक्रिया सीरियाई एयरबेस पर किए गए अमेरिकी हमले के बाद सामने आई है। यह हमला 6 अप्रैल को किया गया था जो उत्‍तरी सीरिया में किए गए रासायनिक हमले के बाद किया गया था जिसमें करीब 80 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले में मारे गए लोगों में से कई बच्‍चे थे।

उन्‍होंने कहा कि अमेरिका द्वारा सीरिया में किए गए हमले को कुछ नेताओं ने जहां सही बताया वहीं कुछ ने इसकी आलोचना भी की। रूस ने भ्‍ाी इस हमले की निंदा करते हुए यहां तक कहा कि यह हमला अंतरराष्‍ट्रीय नियमों के खिलाफ था और एक देश की सीमाओं का अतिक्रमण था। इतना ही नहीं इस हमले के बाद क्रेमलिन ने एक बयान जारी कर अमेरिका से हुई उस संधि को भी निलंबित कर दिया था जिसमें सीरिया के आसमान में दोनों देशों के विमानों की सुरक्षा को लेकर एक हॉटलाइन बनाई गई थी। यह हॉटलाइन दोनों देशों के विमानों की सुरक्षा को तय करती थी ताकि आमने सामने आने पर भी कोई गलतफहमी न होने पाए।


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