आज भी हिट है दोस्ती का पुराना तरीका
सोशल नेटवर्किंग साइटों ने भले ही दोस्ती की एक नई परिभाषा गढ़ी हो, लेकिन दोस्ती का पुराना तरीका आज भी सुपरहिट है।
वाशिंगटन। सोशल नेटवर्किंग साइटों ने भले ही दोस्ती की एक नई परिभाषा गढ़ी हो, लेकिन दोस्ती का पुराना तरीका आज भी सुपरहिट है।
हालिया हुए एक सर्वे की मानें तो आज भी लोग अपने करीब रहने वालों के साथ ही दोस्ती करना ज्यादा पसंद करते हैं। रेनसेलार पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट के सोशल कॉगनिटिव नेटवर्क एकेडमिक रिचर्स सेंटर [एससीएनएआरसी] द्वारा कराए गए इस सर्वे के मुताबिक लोग आज भी अपने दोस्तों के साथ ही घूमना-फिरना पसंद करते हैं।
एससीएनएआरसी के निदेशक और प्रोफेसर बोलस्लॉ जिमास्की के मुताबिक किसी से मिलने पर व्यक्ति पर पड़ने वाला असर दोस्ती करने के लिए महत्वपूर्ण है। जिससे हम कभी-कभी मिलते हैं, उसके बारे में हमारी सोच गलत भी हो सकती है और हम उसे लेकर आश्वस्त नहीं हो पाते हैं। यह भी एक प्रमुख कारण है कि लोग आज भी करीबियों को ही दोस्त बनाना चाहते हैं। इसके बावजूद इंटरनेट को दरकिनार कर पाना या फिर उसके महत्व का कम आंकना सही नहीं है।
सोशल नेटवर्किंग साइटें जहां दुनियाभर में किसी से भी दोस्ती करने का जरिया हैं, वहीं बिछड़े दोस्तों से दोबारा मिलने का एक कारगर माध्यम भी।
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