सौर मंडल के ग्रहों को नष्ट कर देते हैं मृत तारे
कोई तारा अपनी उम्र पूरी होने के बाद अपने सौर मंडल के बचे ग्रहों को भी नष्ट कर देता है। नासा से जुड़े वैज्ञानिकों को वर्षो से स्थापित इस अवधारणा के समर्थन में महत्वपूर्ण प्रमाण मिला है।
वाशिंगटन। कोई तारा अपनी उम्र पूरी होने के बाद अपने सौर मंडल के बचे ग्रहों को भी नष्ट कर देता है। नासा से जुड़े वैज्ञानिकों को वर्षो से स्थापित इस अवधारणा के समर्थन में महत्वपूर्ण प्रमाण मिला है। नासा की अंतरिक्ष दूरबीन केपलर के जरिये वैज्ञानिकों ने इस तरह की घटना के प्रमाण देखे हैं।
वैज्ञानिकों ने के2 मिशन के दौरान एक श्वेत बौने तारे के नजदीक एक छोटे पिंड को टुकड़ों में टूटते देखा। लंबे समय से अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की मान्यता है कि श्वेत बौने तारे जिन्हें आमतौर पर मृत तारा कहा जाता है, वे अपने सौरमंडल के शेष बचे ग्रहों को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं।
कैंब्रिज में हार्वर्ड स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक एंड्रृयू वांडरबर्ग ने कहा, 'हमने पहली बार किसी छोटे ग्रह को उसके तारे के तेज गुरुत्वाकर्षण की वजह से टूटते और उसकी रोशनी से वाष्पित होकर टुकड़ों के रूप में तारे पर गिरते देखा है।' तारे एक उम्र के बाद लाल सुर्ख रंग में ढल जाते हैं और धीरे-धीरे उनका वजन भी आधा रह जाता है। उनका आकार भी सिकुड़कर सौवें हिस्से जितना रह जाता है। इन्हें ही श्वेत बौना तारा कहा जाता है।
आकाशगंगा की सबसे बड़ी तस्वीर
लंदन। जर्मन यूनिवर्सिटी के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने आकाशगंगा की विशाल तस्वीर तैयार की है। 46 अरब पिक्सल की यह तस्वीर सबसे बड़ी खगोलीय तस्वीर है। इस तस्वीर को पांच सालं से ज्यादा समय के दौरान जुटाए गए खगोलीय नतीजों को मिलाकर बनाया गया है। प्रोफेसर रॉफ चिनि के नेतृत्व में आकाशगंगा के 268 अलग-अलग खंडों की तस्वीरें मिलाकर यह तस्वीर तैयार की गई है।
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