चीन में जानवर से इंसान में कॉर्निया का प्रत्यारोपण
चीन में नेत्ररोग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है जिससे आंखों की रोशनी गंवा चुके लाखों लोग फिर से देख सकेंगे। शेनडांग प्रांत में डॉक्टरों ने जैव तकनीक से विकसित सूअर के कॉर्निया को इंसान की आंख में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया है।
बीजिंग । चीन में नेत्ररोग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली है जिससे आंखों की रोशनी गंवा चुके लाखों लोग फिर से देख सकेंगे। शेनडांग प्रांत में डॉक्टरों ने जैव तकनीक से विकसित सूअर के कॉर्निया को इंसान की आंख में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया है।
शेनडांग आइ इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने सितंबर के अंत में यह प्रत्यारोपण किया। इंस्टीट्यूट के निदेशक झाई हुआलेइ ने बताया कि तीन महीने के बाद धीरे-धीरे मरीज वांग सिनयी की आंखों की रोशनी में सुधार हुआ। 60 वर्षीय वांग को गंभीर कॉर्नियल अल्सर की बीमारी थी। 10 सेंटीमीटर के दायरे में वह केवल हिलती वस्तुओं को देख पाता था। वांग के बेटे ने बताया कि डॉक्टरों ने पहले कहा था कि उसके पिता की रोशनी खत्म हो सकती है क्योंकि कॉर्निया दान पर्याप्त नहीं है। चीन में सूअर के कॉर्निया को जैव तकनीक से विकसित कर एकॉर्निया नाम दिया गया है। इसे चीन के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अप्रैल में स्वीकृति प्रदान की थी।
चीन में अंधेपन का सबसे बड़ा कारण कॉर्निया की बीमारी है। वहां हर साल इसके एक लाख मामले बढ़ते हैं। लेकिन सालाना करीब पांच हजार लोगों का ही कॉर्निया प्रत्यारोपण हो पाता है। बीजिंग टांग्रेन हास्पिटल और वुहान सिएचे हास्पिटल में भी 2010 से एकॉर्निया का क्लीनिक ट्रायल चल रहा है। इसकी सफलता दर 94.44 फीसद रही और इसका नतीजा इंसान द्वारा दान कॉर्निया प्रत्यारोपण जैसा ही रहा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े के मुताबिक, दुनियाभर में 28.5 करोड़ लोग दृष्टि संबंधी विकलांगता के शिकार हैं। इनमें से 3.9 करोड़ दृष्टिहीन हैं और 24.6 करोड़ लोगों की आंखों की रोशनी कम है।