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जी-20: आज पारित हो सकता है आतंकवाद के खिलाफ प्रस्ताव

पेरिस हमले की काली छाया में शुरू हुए विश्व के विकसित एवं प्रमुख उभरते देशों के संगठन 'जी-20' शिखर सम्मेलन में अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन के अलावा आतंकवाद भी अहम मुद्दा बन गया है।

By Sachin kEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2015 08:09 AM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2015 08:41 AM (IST)
जी-20: आज पारित हो सकता है आतंकवाद के खिलाफ प्रस्ताव

अंताल्या (तुर्की)। पेरिस हमले की काली छाया में शुरू हुए विश्व के विकसित एवं प्रमुख उभरते देशों के संगठन 'जी-20' शिखर सम्मेलन में अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन के अलावा आतंकवाद भी अहम मुद्दा बन गया है।

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तुर्की के तटीय पर्यटक शहर अंताल्या में जुटे दुनियाभर के ताकतवर मुल्क के नेताओं ने फ्रांस के जख्म पर मरहम लगाते हुए एक सुर से खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खात्मे पर जोर दिया।

सम्मेलन में आर्थिक घोषणा पत्र के अलावा आतंकवाद के खिलाफ भी अलग से प्रस्ताव पारित किए जाने की उम्मीद है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स देशों के नेताओं से मुलाकात के दौरान अपने गुस्से का इजहार किया।

पेरिस हमले की निंदा करते हुए उनका कहना था, 'आतंकवाद के खिलाफ पूरी मानवता के एकजुट होकर खड़ा होने का समय आ गया है। आतंक को समाप्त करने के लिए वैश्विक स्तर पर ठोस प्रयास शुरू करने की जरूरत है। ब्रिक्स देशों की भी यह पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।'

आतंकियों को अंजाम तक पहुंचाएंगे : ओबामा

दो दिवसीय सम्मेलन में भाग ले रहे अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा,' जी-20 में तो विश्व की आर्थिक परिस्थितियों पर ही चर्चा होती है। लेकिन इस बार पेरिस हमले के कारण आसमान पर आतंकवाद रूपी भयावह अंधेरा छाया हुआ है।'

उन्होंने पेरिस के हमलावरों को खोजकर उनके असली अंजाम तक पहुंचाने के काम में फ्रांस को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।

आर्थिक एजेंडे पर भारी आतंक

जी-20 शिखर सम्मेलन के एजेंडे में विश्व की आर्थिक स्थिति और जलवायु परिवर्तन का खतरा ही मुख्य रूप से शामिल थे, लेकिन शुक्रवार रात को पेरिस में हुए सिलसिलेवार आत्मघाती हमलों ने अंताल्या सम्मेलन के एजेंडे को बदल कर रख दिया है। सोमवार को जी-20 सम्मेलन के समापन पर आतंकवाद पर अलग से एक प्रस्ताव पारित होगा।

आज उठ सकते हैं ये कदम

  • आतंकी संगठनों की फंडिंग बंद करने के उपाय।
  • सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए प्रभावी तंत्र
  • आतंकवाद को संरक्षण देने वाली परिस्थितियों के खिलाफ सटीक कदम।
  • इस्लामिक स्टेट जैसे संगठनों की मदद रोकने के लिए फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स।
  • इंटरनेट समेत सोशल मीडिया का बेजा इस्तेमाल रोकने के प्रबंध हों।

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