सीरिया के सराकेब शहर पर क्लोरीन गैस से हमला, 30 लोग प्रभावित
सीरिया के एक शहर पर क्लोरीन गैस से हमले का मामला सामने आया है। हालांकि अभी किसी आतंकी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
दमिश्क। सीरिया के शहर सराकेब पर क्लोरीन गैस से हमला हुआ है। एक डॉक्टर और बचावकर्मियों का कहना है कि वहां पर कथित तौर पर क्लोरीन गैस से भरे बैरल गिराए गए हैं। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इसके पीछे ज़िम्मेदार कौन है।यह हमला इदलिब प्रांत के सरकेब में हुआ जहां विद्रोहियों ने रूसी सेना का मालवाहक हेलीकॉप्टर मार गिराया था।
हमले में करीब 30 लोग प्रभावित हुए हैं जिनमें अधिकतर बच्चे और महिलाएं हैं। क्लोरीन गैस से प्रभावित लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और उनके मुंह से ख़ून निकल सकता है। सरकार और कुछ विद्रोही गुटों ने एक दूसरे पर रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल का आरोप लगाया गया है, जिसे उन्होंने ख़ारिज किया है।
एक अंग्रेजी साइट के मुताबिक सराकेब में काम करने वाले डॉक्टर अब्दुल अज़ीज़ बारी ने कहा कि हमें पता है कि यह क्लोरीन है क्योंकि हम पर पहले भी इस तरह का हमला हुआ है और हम इसकी गंध और इसके लक्षण पहचानते हैं. हमारे पर इसके 28 मामले आए हैं जिनमें ज़्यादातर महिलाएं औऱ बच्चे हैं।
सीरिया सिविल डिफेंस के एक प्रवक्ता ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया है कि इस हमले में 33 लोग प्रभावित हुए हैं.
स्वयंसेवी बचावकर्मियों के इस समूह ने बताया कि उन्हें शक है कि इस बैरल्स में क्लोरीन गैस थी लेकिन वे अभी इसकी पुष्टि नहीं कर सकते। सराक़ेब के पास सोमवार को रूसी सेना के एक हेलीकॉप्टर को गिरा दिया गया था, जिसमें चालक दल के पांच लोगों की मौत हो गई थी. अभी तक इस हमले के लिए ज़िम्मेदार गुटों या लोगों का पता नहीं चल पाया है। पिछले साल सीरियाई संकट में राष्ट्रपति बशर-अस-असद के समर्थन में उतरी रूसी सेना के लिए यह अब तक की सबसे बड़ी क्षति है.
क्लोरीन एक आम औद्योगिक रसायन है और हथियार के तौर पर इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है। साल 2013 में बीबीसी को इस बात के पुख्ता सबूत मिले थे जो इस बात का ओर संकेत करते थे कि सराकेब में निवासियों पर सरकारी हेलीकॉप्टर के के ज़रिए रसायनिक हथियारों के हमले किए जा रहे हैं। सीरियाई अधिकारियों ने इससे इनकार किया था।