असद के खिलाफ लड़ रहे उइगर बने चीन की चिंता
बढ़ती भूमिका ने सीरियाई और चीनी खुफिया एजेंसियों को करीब ला दिया है।
बेरुत, एपी : देश छोड़कर सीरिया भागे उइगर मुसलमान चीन की बड़ी चिंता बन गए हैं। चीनी खुफिया एजेंसियों को डर है कि इनमें से कुछ एक दिन घर लौट कर समस्या पैदा कर सकते हैं। उनकी बढ़ती भूमिका ने सीरियाई और चीनी खुफिया एजेंसियों को करीब ला दिया है। तुर्क भाषी उइगर मूल रूप से चीन के शिनजियांग प्रांत के निवासी हैं
मार्च 2011 में गृहयुद्ध की शुरुआत के बाद से ही हजारों चीनी सीरिया जा चुके हैं। कुछ अल-कायदा की शाखा में शामिल हो गए जिसे पहले नुसरा फ्रंट के रूप में जाना जाता था। कुछ इस्लामिक स्टेट (आइएस) के साथ हो गए तो कुछ अहरार अल-शाम जैसे विद्रोही गुटों में शामिल हो गए। अधिकतर चीनी तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी के साथ हैं। इनमें से कई अरबी भाषा नहीं जानते। बाहरी दुनिया सीरिया में उनकी भूमिका से खास वाकिफ नहीं है। लेकिन, वे संगठित हैं और सीरिया के उत्तरी इलाकों में असद के बलों के खिलाफ जमीनी हमलों में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
इतुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी का अन्य नाम तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट है जो चीन के शिनजियांग को ईस्ट तुर्किस्तान मानती है। सीरिया में अन्य जिहादी समूहों की तरह इनका मकसद भी असद सरकार को सत्ता से हटाकर उसके स्थान पर सख्त इस्लामी शासन लागू करना है। चीन की सरकार का कहना है कि जिहाद से जुड़ने के लिए ये लोग देश से भागे हैं। लेकिन, आलोचकों का कहना है कि उइगर समुदाय के लोगों के साथ चीन में भेदभाव किया जाता है। वे आर्थिक रूप से हाशिए पर हैं और हान चीनी समुदाय के दमनकारी शासन से बचने के लिए भागने को मजबूर हैं।
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