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पूर्व और दक्षिण सागर पर जी 7 देशों की सोच से भड़का चीन

दुनिया के मजबूत और संपन्न सात देशों के समूह ने शनिवार को बयान जारी करके कहा कि वे दक्षिण चीन सागर और पूर्व चीन सागर के हालातों से चिंतित हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sun, 28 May 2017 08:00 PM (IST)Updated: Sun, 28 May 2017 08:00 PM (IST)
पूर्व और दक्षिण सागर पर जी 7 देशों की सोच से भड़का चीन
पूर्व और दक्षिण सागर पर जी 7 देशों की सोच से भड़का चीन

बीजिंग, रायटर। पूर्व सागर और दक्षिण चीन सागर को विवादित और चिंताजनक बताने वाले ग्रुप 7 देशों के बयान से चीन भड़क गया है। उसने इसे कड़ाई से असंतोषजनक करार दिया है। कहा है, इस तरह की गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियां रोकी जानी चाहिए।

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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा है कि पूर्व चीन सागर और दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखते हुए चीन संबंधित देशों से मतभेद दूर करने के लिए वचनबद्ध है। प्रवक्ता ने आशा जताई कि जी 7 देश और अन्य देश मामले में संयम बरतेंगे। संबंधित देशों की मतभेद दूर करने की कोशिश का सम्मान करेंगे। गैर जिम्मेदाराना बयान देने से बचेंगे।

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इससे पहले दुनिया के मजबूत और संपन्न सात देशों के समूह ने शनिवार को बयान जारी करके कहा कि वे दक्षिण चीन सागर और पूर्व चीन सागर के हालातों से चिंतित हैं। उन्होंने विवादित क्षेत्र से सेनाओं को हटाने की भी जरूरत बताई। पूर्व सागर में चीन का जापान के साथ विवाद चल रहा है जबकि दक्षिण सागर में चीन का ब्रूनेई, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम और ताइवान के साथ विवाद है। दोनों ही सागर क्षेत्रों में चीन ने बड़ा सैन्य बंदोबस्त कर रखा है और उन्हें अपने अधिकार वाला क्षेत्र बताता है।

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अमेरिका ने दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन के कृत्रिम द्वीप बनाने और वहां पर सैन्य सुविधाएं बढ़ाने की निंदा की है। यह सागर दुनिया के सर्वाधिक व्यस्त व्यापारिक मार्गो में से एक है। यहां पर अमेरिका अक्सर अपने युद्धपोत भेजता है जिसे लेकर उसकी चीन से तनातनी चलती रहती है। जी 7 में अमेरिका के अलावा फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा हैं।

चीन ने फिर रोका अमेरिकी विमान का रास्ता

पर्यावरण संबंधी जानकारियों को एकत्रित करने निकले अमेरिकी विमान को एक बार फिर से दक्षिण चीन सागर के ऊपर चीनी लड़ाकू विमानों ने रोका। इनमें से एक लड़ाकू विमान तो अमेरिकी विमान के 180 मीटर नजदीक तक आ गया जिससे उसके टकराने का खतरा पैदा हो गया। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने इस पर नाराजगी जताई है और इसे असुरक्षित और गैर व्यावसायिक व्यवहार बताया है। कुछ रोज पहले भी दक्षिण चीन सागर के ऊपर अमेरिकी विमान का इसी तरह से रास्ता रोका गया था।


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