दक्षिण सागर में भारतीय सुनामी प्रणाली पर चीन नरम
ज्ञात हो कि वर्ष 2004 में आए विनाशकारी सुनामी के बाद भारत ने खुद की चेतावनी प्रणाली विकसित की है।
बीजिंग, प्रेट्र। दक्षिण चीन सागर में भारत और चीन के बीच तनाव कम होने के संकेत मिलने लगे हैं। क्षेत्र में भारत की उपस्थिति का कड़ा विरोध करने वाले चीन का दक्षिण सागर में भारतीय सुनामी चेतावनी प्रणाली पर सुर नरम पड़े हैं। बीजिंग ने नई दिल्ली के प्रस्ताव का समर्थन किया है।
दक्षिण चीन सागर में चीन ने भी सुनामी प्रणाली लगाया है। चीनी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि भारतीय प्रणाली मौजूदा तंत्र का हिस्सा हो सकती है। उनके मुताबिक, सुनामी अर्ली वार्निग रिसर्च क्षेत्र के सभी देशों के हितों के अनुकूल है। चीन और अन्य देश संयुक्त राष्ट्र की जरूरतों के अनुसार सुनामी प्रणाली स्थापित कर रहे हैं। ऐसे में संबंधित देश मौजूदा तंत्र के तहत सहयोग बढ़ाने के मसले पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।
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ज्ञात हो कि वर्ष 2004 में आए विनाशकारी सुनामी के बाद भारत ने खुद की चेतावनी प्रणाली विकसित की है। इससे दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों को सूचनाएं मुहैया कराई जाती हैं। चीन दक्षिण चीन सागर के तकरीबन पूरे क्षेत्र पर अपना दावा ठोकता है। ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम भी इस क्षेत्र में अपना दावा करते हैं। चीन इस क्षेत्र में किसी भी देश के आगमन को हस्तक्षेप के तौर पर देखता है।
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बीजिंग पूर्व में दक्षिण चीन सागर में भारत की मौजूदगी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अलग रहने की हिदायत दे चुका है। ऐसे में सुनामी प्रणाली पर चीन का रुख चौंकाने वाला है। इसे हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच बढ़ी कूटनीतिक पहल का परिणाम माना जा रहा है।