विवादित द्वीपों के बहाने ताकत दिखा रहा चीन
बीजिंग। जापान के साथ चल रहे द्वीप विवाद को चीन भड़का रहा है। चीन ने बुधवार को कहा कि उसने पूर्वी चीन सागर के विवादित इलाके से जापानी तटरक्षक बल के जहाजों को निकाल दिया है। स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। जापान इस इलाके पर ज्यादा समय तक नियंत्रण नहीं रख पाएगा। चीनी नेतृत्व में अगले हफ्ते बदलाव होने वाला है। इससे ठीक पहले चीन के इस कदम को जापान समेत पूरी दुनिया के लिए संदेश माना जा रहा है।
बीजिंग। जापान के साथ चल रहे द्वीप विवाद को चीन भड़का रहा है। चीन ने बुधवार को कहा कि उसने पूर्वी चीन सागर के विवादित इलाके से जापानी तटरक्षक बल के जहाजों को निकाल दिया है। स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। जापान इस इलाके पर ज्यादा समय तक नियंत्रण नहीं रख पाएगा। चीनी नेतृत्व में अगले हफ्ते बदलाव होने वाला है। इससे ठीक पहले चीन के इस कदम को जापान समेत पूरी दुनिया के लिए संदेश माना जा रहा है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग लेई ने कहा, दियोऊ द्वीपों पर हमारी स्थिति साफ है। हमारे जहाज इस द्वीप के आसपास निगरानी रख रहे हैं। इन द्वीपों को जापान सेनकाकू कहता है। लेई ने कहा, हमारे जहाज अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रहे हैं। यह न्यायोचित है। इससे पहले सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने बताया था कि चीन के निगरानी जहाजों ने कई जापानी जहाजों को मंगलवार को खदेड़ दिया। यह झड़प सुबह 10 बजे के लगभग हुई। दोनों तरफ के जहाजों ने एक-दूसरे को संदेश भेजा कि वह उनके इलाके में हैं और वापस चले जाएं। लेई ने बताया कि हमारे जहाजों ने सुबूत के तौर पर फोटो भी खींचे हैं।
पिछले दो महीनों के दौरान चीन-जापान विवाद गहराता जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन नेतृत्व परिवर्तन से पहले रुख कड़ा करके संदेश देना चाह रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के ठीक दो दिन बाद आठ नवंबर को कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस होनी है। दोनों देशों के अंदर भी द्वीप विवाद पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। लेई ने मंगलवार को कहा था कि जापान इन द्वीपों पर प्रशासनिक अधिकार खो चुका है। दोनों देशों के बीच 1970 में मौखिक समझौता हुआ था कि इस विवाद का हल आने वाली पीढि़यों के लिए छोड़ा जाए। लेई ने कहा कि जापान द्वारा द्वीपों को खरीदना अवैध है। जापान को गलतफहमी से बाहर आ जाना चाहिए।
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