प्राकृतिक गैस में तब्दील होगी कार्बन डाइऑक्साइड
वैज्ञानिकों ने कार्बन डाइऑक्साइड को प्राकृतिक गैस और नवीनीकृत ऊर्जा में बदलने वाले एक किफायती स्रोत को बनाने में सफलता प्राप्त की है। नीदरलैंड्स की लीडन यूनिवर्सिटी के शोध में पता चला है कि कैसे किफायती और संतुलित तरीके से इसे अमल में लाया जा सकता है।
लंदन। वैज्ञानिकों ने कार्बन डाइऑक्साइड को प्राकृतिक गैस और नवीनीकृत ऊर्जा में बदलने वाले एक किफायती स्रोत को बनाने में सफलता प्राप्त की है। नीदरलैंड्स की लीडन यूनिवर्सिटी के शोध में पता चला है कि कैसे किफायती और संतुलित तरीके से इसे अमल में लाया जा सकता है।
प्रो. मार्क कोपर और शोधार्थी जिंग शेन के अनुसार इस विधि में एक रासायनिक प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें ग्रेफाइट इलेक्ट्रोड नामक एक घोल इस्तेमाल होता है। हालांकि शोधकर्ताओं को पहले पता था कि यह स्रोत कार्बन डाइऑक्साइड को कार्बन मोनोऑक्साइड और मीथेन में तब्दील करता है, लेकिन इस प्रक्रिया में गैरजरूरी हाइड्रोजन भी उत्पन्न होती है।
प्रो. कोपर को उम्मीद है कि उनकी नई खोज कार्बन और पानी को ऊर्जा के नए स्रोत बनाने की दिशा में सहायक होगी। उनके अनुसार यदि सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से भी यह तरीका सफल रहता है तो इस तरह नवीनीकृत ऊर्जा के संरक्षण में मदद मिलेगी। वह कहते हैं कि हम सौर ऊर्जा और पवन चक्की से मिलने वाली बिजली का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन यह सीधे ही इस्तेमाल में नहीं लाई जातीं। वह कहते हैं कि कार्बन और जल से उत्पन्न ऊर्जा को संरक्षित करने के तरीके में अभी और समय लगेगा। केपर के अनुसार 'इस विधि को मजबूत, व्यापक और सस्ता बनाने में अभी पचास साल और लग सकते हैं। यह आसान नहीं होगा। हमें ऊर्जा को सुरक्षित रखने के लिए बिल्कुल नए तरीके से सोचना पड़ेगा और इसमें हमारी खोज मदद करेगी।'
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