न्यूक्लियर टेस्ट न कराने पर क्लिंटन का 5 बिलियन डॉलर का था ऑफर: शरीफ
नवाज शरीफ ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि यदि पाकिस्तान की चिंता नहीं होती तो यूएस द्वारा 1998 में 5 बिलियन डॉलर का ऑफर स्वीकार कर लिया होता जो परमाणु परीक्षण न करने के लिए दिया जा रहा था।
इस्लामाबाद (जेएनएन)। पनामा पेपर्स लीक मामले में दोषी साबित हो चुके प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने बुधवार को अपना पक्ष रखा और कहा कि यदि उन्होंने पाकिस्तान के बारे में नहीं सोचा होता तो 1998 में परमाणु परीक्षण न करने के लिए बिल क्लिंटन द्वारा ऑफर किए गए 5 बिलियन डॉलर को स्वीकार कर लिया होता।
पंजाब के सियालकोट में बुधवार को अपने संबोधन में उन्होंने कहा, ‘यदि मैं देश के प्रति इमानदार नहीं होता तो अमेरिका से 5 बिलियन डॉलर का ऑफर स्वीकार कर लिया होता जो उन्होंने परमाणु परीक्षण न कराने के लिए ऑफर किया था।‘ भ्रष्टाचार व मनी लांड्रिंग के आरोपों से घिरे शरीफ अपने पद को बचाने के लिए प्रयासरत हैं।
1998 के मई में तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया था और इसके कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान ने भी परमाण परीक्षण किया।
बता दें कि पनामा पेपर्स लीक मामले में विदेशी संपत्ति के साथ भ्रष्टाचार व मनी लांड्रिंग के आरोपों से घिरे सपरिवार नवाज शरीफ से विपक्षियों द्वारा प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफे की मांग की जा रही है। शरीफ ने अपने विरोधियों को चेताया है कि यदि आज उन्हें दोषी ठहराया गया है तो कल उनकी बारी होगी।
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