नवाज शरीफ की जान बचाने पाकिस्तान आए थे बिल क्लिंटन
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज ने कहा है कि क्लिंटन की पाकिस्तान यात्रा का एकमात्र लक्ष्य शरीफ को फांसी से बचाना था।
इस्लामाबाद, प्रेट्र : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने नवाज शरीफ को फांसी से बचाने और उन्हें देश से बाहर निकालने के प्रयास के तहत वर्ष 2000 में पाकिस्तान की यात्रा की थी। यह दावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज ने किया है। उस दौर में शरीफ अपदस्थ किए गए थे और जेल में बंद थे। हाल ही में प्रकाशित अपनी किताब 'फ्राम बैंकिंग टू दी थॉर्नी वर्ल्ड ऑफ पॉलिटिक्स' में अजीज ने कई दावे किए हैं।
अजीज ने कहा, 'क्लिंटन की पाकिस्तान यात्रा का एकमात्र लक्ष्य शरीफ को फांसी से बचाना था।' मानवतावादी लक्ष्य से लैस क्लिंटन चाहते थे कि शरीफ के साथ निजी दुश्मनी का बदला नहीं लिया जाए। अक्टूबर 1999 में तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने सैनिक विद्रोह के जरिए शरीफ की सरकार को अपदस्थ कर दिया था।
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क्लिंटन के पाकिस्तान से लौट जाने के बाद अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शरीफ को उम्रकैद की सजा दी। उन्हें फांसी की सजा नहीं दी गई। सऊदी अरब के शाह और अमेरिका के हस्तक्षेप के बाद शरीफ को निर्वासित कर सऊदी अरब भेज दिया गया था।
मुशर्रफ के शासनकाल में अजीज 2004 से 2007 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने यह भी दावा किया है कि मुशर्रफ और बेनजीर दोनों ही चाहते थे कि 2008 के आम चुनाव से पहले शरीफ पाकिस्तान नहीं लौट सकें। उन्हें निर्वासन में रखने की पुरजोर कोशिश की गई थी।