1981 के बाद चीन में सबसे ब़़डी राजकोषीय चुनौती!
साल 2015 के दौरान चीन की राजकोषीय आय में ब़़ढोतरी की दर पिछले तीन दशकों के निचले स्तर पर आ जाएगी। ड्यूश बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के नीति निर्माता अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाए बगैर सरकारी कर्ज पर लगाम कसने
बीजिंग। साल 2015 के दौरान चीन की राजकोषीय आय में ब़़ढोतरी की दर पिछले तीन दशकों के निचले स्तर पर आ जाएगी। ड्यूश बैंक की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के नीति निर्माता अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाए बगैर सरकारी कर्ज पर लगाम कसने के प्रयास में उलझे हैं। अंदाजा लगाया गया है कि इस साल चीन की कुल राजकोषीय आय में महज 1 प्रतिशत इजाफा होगा, जो साल 1981 के बाद सबसे धीमी गति साबित होगी।
ड्यूश बैंक की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि इस साल स्थानीय सरकार के राजस्व में साल 1994 के बाद पहली बार 2 प्रतिशत गिरावट आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय सरकार के राजस्व का एक तिहाई से ज्यादा हिस्सा जमीन की बिक्री से आता है, जिसमें 20 प्रतिशत गिरावट आ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी सरकार सीधे-सीधे लोन लेन या बॉण्ड जारी करने से बचती है।
इसके लिए अपारदर्शी तौर-तरीके अपनाए जाते हैं। ज्यादातर सरकारी फंडों की रकम संदिग्ध बुनियादी ढांचे और रियल एस्टेट परियोजनाओं में लगाई गई है। गंभीर मुश्किलों के संकेत ड्यूश बैंक के अर्थशास्त्री, जिवेई जांग और एंड्री शि को चीन में गंभीर आर्थिक संकट के संकेत नजर आ रहे हैं। वहां आर्थिक रफ्तार सुस्त प़़डना, जमीन की कीमतों में गिरावट आना और सरकारी आय घटना गंभीर खतरे के संकेत माने जा रहे हैं।
इन अर्थशाष्त्रियों ने रिपोर्ट में लिखा, 'चीन को 1981 के बाद सबसे गंभीर राजकोषीय चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।'