आईएस के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान
इराकी सुरक्षा बलों ने मोसुल को इस्लामिक स्टेट (आईएस) से मुक्त कराने के लिए अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान छेड़ दिया है।
बगदाद, एएफपी/रायटर। इराकी सुरक्षा बलों ने मोसुल को इस्लामिक स्टेट (आइएस) से मुक्त कराने के लिए अब तक का सबसे बड़ा सैन्य अभियान छेड़ दिया है। शहर में मौजूद चार से आठ हजार आतंकियों को खदेड़ने के लिए इराक और कुर्द बलों के 30 हजार जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। आइएस ने इस शहर को अपनी राजधानी घोषित कर रखा है।इराकी प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने सोमवार को टेलीविजन संबोधन में आइएस के खिलाफ लड़ाई छेड़े जाने का एलान किया।
अमेरिका ने जहां फैसले का स्वागत किया तो संयुक्त राष्ट्र ने यह आशंका जताई कि आइएस इराक में अपने अंतिम गढ़ को बचाने के लिए शहर के 15 लाख नागरिकों को ढाल बना सकता है। आइएस ने दो साल पहले मोसुल पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद वे इराक और सीरिया के बड़े क्षेत्र तक फैल गए थे। इस शहर पर इराक का दोबारा नियंत्रण हो जाने से आइएस के 'खलीफा राज' के दावे की हवा निकल जाएगी। आइएस के खिलाफ अभियान चलाने वाले गठबंधन में अमेरिका के नेतृत्व वाला गुट, कुर्द बल और इराक के सरकारी बल शामिल हैं। इन्होंने हाल ही में मोसुल के आसपास अपनी पकड़ मजबूत कर दी। इसके बाद से ही आइएस पर हमला शुरू किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा था।
सैन्य अभियान से यूएन चिंतित
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के उप महासचिव स्टीफेन ओब्रायन ने कहा, मैं मोसुल में रह रहे करीब 15 लाख नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। सैन्य अभियान में उन पर गहरा असर पड़ सकता है। हालात बदतर होने पर एक लाख लोग पलायन भी कर सकते हैं।
सीरियाई शहर से खदेड़ा
इस खूंखार आतंक संगठन को सीरियाई विद्रोही गुटों ने भी बड़ा झटका दिया है। उन्होंने रविवार को सीरिया के दबिग शहर को आइएस आतंकियों को खदेड़ दिया है।
कार बम धमाके में दस की मौत
बगदाद में सैन्य चौकी को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती कार धमाके में दस लोग मारे गए। यह धमाका यूसुफिया इलाके में किया गया। विस्फोट में 17 लोग घायल भी हुए हैं। मरने वालों में चार सैनिक भी हैं। यह हमला मोसुल में सैन्य अभियान शुरू होने के बाद किया गया है।
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