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न्यूयार्क टाइम्स ने बगदादी को मारने के अमेरिकी प्रयास को विफल कियाः ट्रंप

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बगदादी के बच निकले का ठीकरा न्यूयार्क टाइम्स के सिर फोड़ दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 23 Jul 2017 06:01 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jul 2017 07:34 AM (IST)
न्यूयार्क टाइम्स ने बगदादी को मारने के अमेरिकी प्रयास को विफल कियाः ट्रंप
न्यूयार्क टाइम्स ने बगदादी को मारने के अमेरिकी प्रयास को विफल कियाः ट्रंप

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बगदादी के बच निकले का ठीकरा न्यूयार्क टाइम्स के सिर फोड़ दिया है। ट्रंप ने शनिवार को कहा कि न्यूयार्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के कारण ही अमेरिका आतंकी संगठन के सरगना बगदादी को मारने में नाकाम रहा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने ट्वीट किया है, 'न्यूयार्क टाइम्स ने मोस्ट वांटेड आतंकी अल बगदादी को मारने के अमेरिकी प्रयास को विफल कर दिया। राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर उनका यह खतरनाक एजेंडा है।' ट्रंप ने हालांकि यह नहीं बताया है कि अखबार के किस रिपोर्ट से बगदादी को पकड़ने का प्लान चौपट हुआ था। जवाब में न्यूयार्क टाइम्स ने व्हाइट हाउस से ट्वीट पर स्पष्टीकरण मांगा है।

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रक्षा मंत्री ने भी कहा, जिंदा है बगदादी

वाशिंगटन, प्रेट्र : अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने हवाई हमले में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) सरगना अबु बकर अल-बगदादी के मारे जाने के दावों को खारिज किया है। मैटिस ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा, 'मैं उसके मारे जाने पर तभी यकीन करूंगा जब यह पता चलेगा कि हमने उसे मार गिराया है। हम उसकी तलाश कर रहे हैं।' पिछले महीने रूसी सेना ने दावा किया था कि सीरिया के रक्का में 28 मई को हवाई हमला किया गया था। वहां आइएस के शीर्ष आतंकियों की बैठक चल रही थी। इसमें बगदादी मारा गया। हाल में आई कई खबरों में भी बगदादी के सीरिया या इराक में मारे जाने की बात कही गई थी। बगदादी सार्वजनिक रूप से अंतिम बार तीन साल पहले 2014 में दिखाई दिया था। इसके बाद से वह फिर कभी देखा नहीं गया। पेंटागन के अधिकारियों का कहना है कि बगदादी आइएस की रोजाना की गतिविधियों में शामिल नहीं है। हालांकि इसके उलट मैटिस ने कहा कि बगदादी अब भी आइएस में कोई न कोई भूमिका निभा रहा है।

अफगान नीति की समीक्षा जारी

रक्षा मंत्री मैटिस ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि अफगान नीति की समीक्षा अभी तक पूरी नहीं हुई है। युद्ध प्रभावित इस देश में चार हजार तक सैनिक बढ़ाने के लिए राष्ट्रपति से मिले अधिकार का उन्होंने अभी तक इस्तेमाल नहीं किया है।

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