पाकिस्तान में बौद्ध प्रतिमा को फिर मिला मूल स्वरूप, आतंकियों ने किया था क्षतिग्रस्त
स्वात जिले के जहानाबाद में स्थित बौद्ध प्रतिमा को तालिबान आतंकियों ने 2007 में भारी नुकसान पहुंचाया था।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सातवीं सदी की प्राचीन बौद्ध प्रतिमा को दोबारा मूल आकार दे दिया गया है। इस प्रतिमा को नौ साल पहले तालिबान आतंकियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था।
जियो न्यूज के अनुसार, स्वात जिले के जहानाबाद में स्थित बौद्ध प्रतिमा को तालिबान आतंकियों ने 2007 में भारी नुकसान पहुंचाया था। इसे फिर से मूल स्वरूप देने में इतालवी पुरातत्वविदों को चार साल कठिन मेहनत करनी पड़ी। इस काम में उनको स्थानीय पुरातत्वविदों का भी साथ मिला। इटली के पुरातत्व मिशन के प्रमुख लुका मारिया ओलीवीरी ने कहा कि यह स्वात की विरासत के प्रति हमारा पेशेवर और नैतिक दायित्व था जिसने हमें बौद्ध प्रतिमा को दोबारा आकार देने के लिए विवश किया।
प्रतिमा की पुर्निर्माण प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने काम किया। आतंकियों ने विस्फोटक लगाकर इस ऐतिहासिक प्रतिमा के चेहरे को उड़ा दिया था। इस पर दुनियाभर में खासतौर पर बौद्ध समुदाय, इतिहासकारों और पुरातत्वविदों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।
थ्रीडी तकनीक का इस्तेमाल
इतालवी पुरातत्वविदों की टीम ने बौद्ध प्रतिमा को ठीक करने का काम 2012 में शुरू किया। उन्होंने इसके लिए थ्रीडी तकनीक का इस्तेमाल किया।
सातवीं सदी की प्रतिमा
बौद्ध प्रतिमा ध्यान की मुद्रा में है और यह सातवीं सदी में बनाई गई थी। विशाल पत्थर को काटकर बनाई गई यह प्रतिमा दक्षिण एशिया में सबसे बड़ी मानी जाती है। यह 21 फीट ऊंची और 12 फीट चौड़ी है।