अफगानिस्तान में अलकायदा फिर हो रहा मजबूत
कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा एक बार फिर से संगठित हो रहा है। उसकी ताकत अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमा क्षेत्र में बढ़ रही है। युद्ध से बर्बाद अफगानिस्तान में आतंकी संगठन आइएस भी पांव पसार रहा है और कई स्थानों पर इलाके को लेकर उसका सामना अलकायदा से हो रहा
वाशिंगटन : कुख्यात आतंकी संगठन अलकायदा एक बार फिर से संगठित हो रहा है। उसकी ताकत अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सीमा क्षेत्र में बढ़ रही है। युद्ध से बर्बाद अफगानिस्तान में आतंकी संगठन आइएस भी पांव पसार रहा है और कई स्थानों पर इलाके को लेकर उसका सामना अलकायदा से हो रहा है। यह जानकारी सीआइए प्रमुख जॉन ब्रेनन ने अमेरिका की खुफिया मामलों की संसदीय समिति को दी है।
उन्होंने बताया कि इलाके में करीब एक सौ अलकायदा आतंकी बचे हैं। इनके नेता आपस में हाथ मिलाकर ताकत बढ़ा रहे हैं। वे इसके लिए तालिबान की भी मदद ले रहे हैं। वे अफगानिस्तान में अपनी सक्रियता बढ़ाए हुए हैं। सीआइए प्रमुख ने बताया कि तालिबान से असंतुष्ट आतंकियों को आइएस अपने साथ जोड़ रहा है।
यह संगठन अफगानिस्तान में नया खतरा बनने की ओर सक्रिय है। वह उन इलाकों में जा रहा है जहां पर फिलहाल कोई संगठन प्रभावशाली नहीं है। इससे पूरे अफगानिस्तान में आतंकियों का प्रभाव होने का खतरा पैदा हो गया है।
दो महीने पहले अफगानिस्तान का दौरा कर चुके ब्रेनन के अनुसार वहां पर आइएस के कई सौ सदस्य हो सकते हैं। आतंक की जो शाखाएं हम इंडोनेशिया, नाइजीरिया, सोमालिया, यमन और लीबिया में देख रहे हैं, वैसा ही उसका विस्तार दक्षिण एशिया में भी हो सकता है।
आइएस ने तीन पूर्व लड़ाकों को गोली मारी
आतंकी संगठन आइएस ने अपने तीन पूर्व लड़ाकों को गोली मार दी है और शवों को परिवार को सौंपने से इन्कार करते हुए उन्हें रेत में दबा दिया है। यह वाकया सीरिया के पूर्वी भाग में स्थित दीर एजर प्रांत का है। ब्रिटेन की एक मानवाधिकार संगठन के अनुसार एक ही परिवार के इन तीन पुरुष सदस्यों ने आइएस की तरफ से लड़ने से इन्कार करते हुए आतंकी संगठन की मुखबिरी शुरू कर दी थी। इसके चलते आइएस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। उन्हें चौराहे पर लोगों की भीड़ के सामने गोली मारी गई।