मोसुल के बाद इराकी फौज की नजर 'ताल अफर' पर
मोसुल के बाद इराकी फौज की नजर ताल अफर पर है। इराकी पीएम ने शहर से आइएस को खदेड़ने के लिए जंग शुरू करने का एलान किया है। इसके लिए बड़ा सैन्य अभियान शुरू कर दिया गया है।
बगदाद : आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) से मुल्क के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल को मुक्त कराने के बाद इराक की फौज अब ताल अफर से उसे खदेड़ने में जुट गई है। इराक के प्रधानमंत्री हैदर अल-अबादी ने रविवार को एलान किया कि ताल अफर को आइएस से मुक्त कराने की लड़ाई शुरू हो गई है। यह उत्तरी इराक में आइएस के बचे प्रमुख गढ़ों में से एक है।
शहर छोड़ दें नहीं तो मारे जाएंगे
मोसुल में आइएस के खिलाफ जीत की घोषणा के महीने भर बाद प्रधानमंत्री ने टीवी संबोधन में कहा, ताल अफर को मुक्त कराने का ऑपरेशन शुरू हो गया है। मैं आइएस आतंकियों से कह रहा हूं कि उनके पास शहर छोड़ने या मारे जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हम लड़ाई जीतते जा रहे हैं और वे हारते जा रहे हैं। देश की सेना के साथ पूरी दुनिया खड़ी है।' ताल अफर मोसुल से करीब 70 किमी दूर है।
2014 से है आतंकियों के कब्जे में हैं शहर
यह शहर जून, 2014 से आइएस के कब्जे में है। उस समय शहर की आबादी दो लाख के करीब थी लेकिन अब वहां की आबादी का अनुमान लगाना मुश्किल है क्योंकि लोगों का पलायन लगातार जारी है। अधिकारियों का अनुमान है कि शहर में करीब एक हजार आतंकी हो सकते हैं। वे इराकी और गठबंधन बलों के हमले की स्थिति में शहर के लाेगों को अपने बचाव के लिए ढाल बना सकते हैं। इससे पहले अमेरिका समर्थित इराकी बलों ने जुलाई में मोसुल को आइएस से मुक्त करा लिया था। इसके लिए पिछले साल अक्टूबर से बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चल रहा था।