अफगानिस्तान में तालिबान के हमलों में 70 लोगों की मौत
घोर प्रांत की एक अन्य घटना में अस्पताल में पर हमला करके 35 लोगों की हत्या कर दी गई है।
काबुल, रायटर। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में सोमवार सुबह हुए आत्मघाती कार बम हमले में 35 लोग मारे गए जबकि 40 से ज्यादा घायल हुए हैं। हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है। हाल के महीनों में काबुल में हुआ यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना की कड़ी निंदा की है और भरोसा दिलाया है कि भारत अफगानिस्तान सरकार के साथ पूरी मजबूती से खड़ा है। घोर प्रांत की एक अन्य घटना में अस्पताल में पर हमला करके 35 लोगों की हत्या कर दी गई है।
घटना अफगानिस्तान सरकार के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुहम्मद मुहाकिक के आवास के नजदीक की है। इस इलाके में ज्यादातर शिया हजारा समुदाय के लोग रहते हैं। कार बम हमले में सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाया गया। तालिबान के दावे के अनुसार मारे गए लोग सरकार के खुफिया विभाग से संबंधित थे। उनकी दो बसों पर कई महीने से नजर रखी जा रही थी और मौका मिलते ही उन्हें निशाना बनाया गया। जबकि सरकार की ओर से कहा गया है कि खान मंत्रालय की कर्मचारियों को ले जा रही बस निशाना बनी है। घटना में नजदीक चल रहे तीन वाहन और पास की 15 दुकानें बर्बाद हो गई हैं।
हमले में बाल-बाल बचे दुकानदार अली अहमद ने बताया कि जैसे ही वह दुकान खोलकर बैठे-वैसे ही उन्होंने एक जोरदार धमाका सुना। धमाके के साथ ही उनकी दुकान के शीशे टूट गए और सामान जमीन पर बिखर गया। अफगानिस्तान में हुए आतंकी हमलों में इस साल 1,700 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। ज्यादातर हमलों में पाकिस्तान समर्थित तालिबान का हाथ रहा है। दो हफ्ते पहले काबुल की एक मस्जिद में आतंकी संगठन आइएस ने बम विस्फोट का दावा किया। घटना में चार लोग मारे गए थे। सुरक्षा बलों और नाटो की सेनाओं ने भी इन दिनों देश के कई इलाकों में तालिबान और आइएस के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। फारयाब प्रांत में रविवार को दर्जनों तालिबान लड़ाके गिरफ्तार किये गए हैं।
तालिबान ने अस्पताल में 35 मारे
घोर प्रांत के ग्रामीण इलाके में स्थित एक अस्पताल में तालिबान के हमले में 35 लोग मारे गए हैं। यह हमला बीते शनिवार को हुआ। राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता शाह हुसैन मुर्ताजवी ने सोमवार को दी जानकारी में बताया कि मारे गए सभी 35 लोग सामान्य नागरिक थे। ये लोग मरीज थे या उनके तीमारदार और अस्पताल कर्मी, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। तालिबान के प्रवक्ता ने अस्पताल पर हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन बताया है कि सरकारी फौजों के साथ लड़ाई में अस्पताल को नुकसान पहुंचा। यह अस्पताल तयवारा जिले में स्थित है, जहां कई दिनों की लड़ाई के बाद तालिबान ने कब्जा किया।
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