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मोसुल में अगवा 39 भारतीयों के लिए दुआ कीजिए

इराक सरकार ने भी इस काम में पूरी मदद देने को कहा है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इन भारतीयों के बारे में पक्की जानकारी सरकार को हाथ लग जाएगी।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 10 Jul 2017 10:19 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jul 2017 10:19 PM (IST)
मोसुल में अगवा 39 भारतीयों के लिए दुआ कीजिए
मोसुल में अगवा 39 भारतीयों के लिए दुआ कीजिए

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ईराक का शहर (मोसुल) कुख्यात आतंकी संगठन आइएसआइएस से आजाद हो चुका है और इसके साथ ही तीन वर्ष पहले वहां अगवा किये गये 39 भारतीयों का पता लगाने का काम भी तेज हो गया है। वैसे पिछले कई महीनों से आइएस की तरफ से वर्ष 2014 में अगवा किये गये इन भारतीयों को लेकर कोई ठोस खबर नहीं मिल पाई है लेकिन सरकार को भरोसा है कि वे सभी किसी न किसी जगह पर पनाह लिये हुए हैं। बहरहाल, उनका पता लगाने के लिए विदेश राज्य मंत्री जेनरल वी के सिंह सोमवार को देर रात इराक के लिए रवाना होंगे। इराक सरकार ने भी इस काम में पूरी मदद देने को कहा है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इन भारतीयों के बारे में पक्की जानकारी सरकार को हाथ लग जाएगी। ध्यान रहे कि पिछले कई मौकों पर वीके सिंह को ही सरकार ने ऐसे काम पर लगाया है।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले का कहना है कि मोसुल को आइएस के कब्जे से आजाद करवाना वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे अहम उपलब्धि है और भारत इसका स्वागत करता है। जैसे ही भारत को इस बात की जानकारी लगी उसने अपने 39 नागरिकों का पता लगाने के लिए सारी चैनलों को सक्रिय कर दिया है। विदेश राज्य मंत्री आज देर शाम इरबिल (इराक का कुर्दिस्तान क्षेत्र) के लिए रवाना होंगे ताकि उनका पता लगाने का काम और तेज हो सके। साथ ही इराक में भारतीय राजदूत और महा वाणिज्य दूतावास को कहा गया है कि वह अन्य सभी संसाधनों से अगवा किये गये भारतीयों की खोज के काम को प्राथमिकता से ले। भारत के लिए यह संतोष की बात है कि इराक की सरकार ने इस काम में पूरी मदद देने की बात कही है। इराक सरकार ने भी अपनी एजेंसियों को इसके लिए आवश्यक आदेश भी दे दिए हैं।

सनद रहे कि तीन वर्ष पहले अगवा किये गये इन भारतीयों को लेकर अभी तक कोई साफ तौर पर सूचना नहीं मिली है। उनके साथ अगवा किये गये एक अन्य भारतीय हरजीत मसीह ने यह दावा किया था कि उसके अलावा अन्य सभी को आतंकियों ने गोली मार दी है। लेकिन भारत सरकार इस दावे को कभी स्वीकार नहीं किया। विदेश मंत्रालय लगातार कहता रहा है कि उन्हें किसी भी स्त्रोत से उनके मारे जाने की सूचना नहीं मिली है। इस आधार पर उनके जिंदा होने और कहीं जगह पर बंधक बना कर रखे जाने का कयास लगाया जाता रहा है। अगवा किये गये उक्त सारे भारतीय पंजाब से ताल्लुक रखते हैं जो इराक में ठेका पर काम करने के लिए भेजे गये थे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इनके परिजनों से कई बार मुलाकात कर चुकी हैं। पीएम नरेंद्र मोदी इस बारे में दुनिया के कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बात कर चुके हैं कि अगवा भारतीयों के बारे में उनकी एजेंसियों को कोई खबर मिले तो जरुरत सूचित करे। लेकिन अभी तक कोई ठोस सूचना नहीं मिल सकती है।


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