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तीन करोड़ 70 लाख बेवफाओं का पर्दाफाश

अपने जीवनसाथी को धोखा देने वाले तीन करोड़ 70 लाख लोगों की जानकारी हैकर्स ने सार्वजनिक कर दी है। ये लोग विवाहेत्तर संबंधों के लिए प्रोत्साहित करने वाली डेटिंग वेबसाइट एश्ले मेडिसन से जुड़े थे। 'इम्पैक्ट टीम' नामक हैकर्स ने पिछले महीने इन उपभोक्ताओं की जानकारी चुरा ली थी।

By Test1 Test1Edited By: Published: Wed, 19 Aug 2015 06:27 PM (IST)Updated: Thu, 20 Aug 2015 12:29 AM (IST)
तीन करोड़ 70 लाख बेवफाओं का पर्दाफाश

टोरंटो। अपने जीवनसाथी को धोखा देने वाले तीन करोड़ 70 लाख लोगों की जानकारी हैकर्स ने सार्वजनिक कर दी है। ये लोग विवाहेत्तर संबंधों के लिए प्रोत्साहित करने वाली डेटिंग वेबसाइट एश्ले मेडिसन से जुड़े थे। 'इम्पैक्ट टीम' नामक हैकर्स ने पिछले महीने इन उपभोक्ताओं की जानकारी चुरा ली थी। डार्क वेबसाइट पर उपभोक्ताओं का नाम, यूजर नेम, पता, ई-मेल एड्रेस, फोन नंबर के साथ-साथ क्रेडिट कार्ड का विवरण भी प्रकाशित किया गया है। यौन आकांक्षाओं और किस तरह के साथी की ये तलाश कर रहे थे यह जानकारी भी सार्वजनिक कर दी गई है।

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महिलाएं भी

जिन लोगों की जानकारी सार्वजनिक की गई है उनमें ब्रिटिश नौकरशाह, संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक मिशन से जुड़े लोग, वेटिकन के कर्मचारी और बैंकर्स भी हैं। टेलीग्राफ के अनुसार ब्रिटिश सरकार के 150 कर्मचारियों के नाम हैं, जिनमें कुछ महिला भी हैं। तकनीकी वेबसाइट वायर्ड ने बताया है कि हैकर्स ने 9.7 गीगाबाइट डाटा पोस्ट किया है। उन लोगों के नाम भी शामिल हैं जिन्होंने अपना अकाउंट डिलीट करवाने के लिए कंपनी को भुगतान किया था।

इस संबंध में एश्ले मेडिसन ने कहा इस काम में शामिल अपराधियों ने खुद को नैतिक न्यायाधीश, पंच और जल्लाद के तौर पर पेश किया है। वे समाज के सभी लोगों पर अपनी धारणा थाोपते नजर आ रहे हैं। हम चुप नहीं बैठेंगे और इन चोरों को दुनियाभार के लोगों पर अपनी विचारधारा नहीं थोपने देंगे।

डार्क वेबसाइट

ऐसे वेबसाइट को डार्क वेबसाइट कहते हैं जिन पर आसानी से जाया जा सकता है, लेकिन उनके सर्वर का पता लगा पाना बहुत कठिन होता है।

2.75 लाख भारतीय भी

एश्ले मेडिसन वेबसाइट 50 देशों में देखी जाती है। उसके तीन करोड़ 70 लाख उपभोक्ताओं में से 2.75 लाख भारतीय हैं। सबसे ज्यादा 12 लाख उपभोक्ता ब्रिटेन में रहते हैं।

एफबीआइ की जांच

अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआइ ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। कनाडा पुलिस पहले से ही जांच में जुटी है। एश्ले मेडिसन को चलाने वाली कनाडा की कंपनी एविड लाइफ मीडिया ने इस हैकिंग को अपराध बताया है। कंपनी ने एक बयान में कहा है कि वह हैकर्स का पता लगाने के लिए जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह सहयोग कर रही है।

आशंका

सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार जानकारी सार्वजनिक किए जाने से लाखों लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ गई है। आपराधिक चरित्र के लोग इन जानकारियों का इस्तेमाल ब्लैकमेलिंग के लिए कर सकते हैं। शर्मिदगी से बचने के लिए आत्महत्या करने और कई खुशहाल परिवारों के बिखरने का डर है।

प्रतिक्रिया

इस घटना पर सोशल मीडिया की जबर्दस्त प्रतिक्रिया सामने आई है। हैशटैग एश्ले मेडिसन ट्रेंड में है। वेबसाइट की टैग लाइन 'लाइफ इज शॉर्ट, हैव एन अफेयर' पर भी खूब चटखारे लिए जा रहे हैं।

2014-15 के पांच बड़े साइबर हमले

हार्टब्लीड : अप्रैल 2014 में हैकिंग की शिकार बनी कनाडा की सरकारी रेवेन्यू एजेंसी को अपनी सार्वजनिक वेबसाइट बंद करनी पड़ी थी। जांच अधिकारियों ने पाया कि हार्टब्लीड नामक एक बग का सहारा लेकर हैकर ने वेबसाइट से 900 सोशल इंश्योरेंस नंबर चुराए थे। हार्टब्लीड बग असल में सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग की एक कमजोरी है। ओपन एसएसएल सॉफ्टवेयर की मदद से बनी वेबसाइटों में इस कमजोरी के सहारे गोपनीय जानकारियां चुराई जा सकती हैं। इससे दुनियाभर के पांच लाख सर्वर प्रभावित हुए थे। सभी बड़ी कंपनियों ने उपभोक्ताओं को ई-मेल, फाइल स्टोरेज और बैंकिंग पासवर्ड बदलने की सलाह दी।

ईबे : मई 2014 में कैलिफोर्निया स्थित ईबे के मुख्यालय से खबर आई कि एक साइबर हमले में उनके कई उपभोक्ताओं की की जानकारियां चोरी हो गई हैं। ये हमले फरवरी के अंत से लेकर मार्च की शुरुआत तक जारी थे। हमलों का पता चलने के बाद ईबे ने 14 करोड़ 50 लाख उपभोक्ताओं को अपना पासवर्ड बदलने को कहा।

एप्पल : सितंबर 2014 में कई फिल्मी हस्तियों, कलाकारों की दर्जनों नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई। पहले लगा कि किसी ने एप्पल के आईक्लाउड को हैक कर तस्वीरें हासिल की होंगी। लेकिन, एप्पल ने जब मामले की जांच करवाई तो तो पता चला कि किसी ने उन सभी प्रसिद्ध लोगों के अकाउंट को हैक कर लिया था।

सोनी : पिछले साल दिसंबर महीने में सोनी पिक्चर इंटरटेनमेंट पर बड़ा साइबर हमला किया गया। कंपनी के 47 हजार कर्मचारियों, कई प्रसिद्ध अभिनेताओं और कई फिल्मों की स्कि्रप्ट चुरा ली गई। इस घटना से अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था।

यूएस सेंट्रल कमांड : इस साल की शुरुआत में अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के ट्विटर और यूट्यूब अकाउंट को आतंकी संगठन आइएस के समर्थकों ने हैक कर लिया था।

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