मलेशियाई पीएम की निगरानी में 272 अरब रुपये चोरी
एमडीबी कोष में गड़बड़ी का भूत मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रजाक का पीछा नहीं छोड़ रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में पीएम को क्लीनचिट मिलने के बावजूद स्वीडन ने कोष से चार अरब डॉलर (करीब 272 अरब रुपये) की चोरी की बात कही है।
कुआलालंपुर । एमडीबी कोष में गड़बड़ी का भूत मलेशियाई प्रधानमंत्री नजीब रजाक का पीछा नहीं छोड़ रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में पीएम को क्लीनचिट मिलने के बावजूद स्वीडन ने कोष से चार अरब डॉलर (करीब 272 अरब रुपये) की चोरी की बात कही है। स्विट्जरलैंड के अटॉर्नी जनरल माइकल लॉबर ने कहा है कि मलेशिया की सरकारी कंपनियों ने इस फंड का गलत ढंग से इस्तेमाल किया है।
उन्होंने बताया कि इस फंड से मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात के मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के स्विस खातों में कुछ रकम जमा की गई है। हालांकि इससे हुए नुकसान को लेकर मलेशियाई कंपनियों ने कोई शिकायत नहीं की है। लॉबर ने इसकी जांच में मलेशियाई अधिकारियों से मदद मांगी है।
रजाक ने 2009 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मलेशिया में आर्थिक और सामाजिक सुधारों के लिए 1एमडीबी कोष का गठन किया था। पिछले साल कोष पर 11 अरब डॉलर का कर्ज होने के बाद स्विस अधिकारियों ने इसकी जांच शुरू की थी। अमेरिका और हांगकांग भी गड़बड़ी की पड़ताल कर रहे हैं। इस कोष के सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष प्रधानमंत्री रजाक ही हैं। पिछले साल जुलाई में मलेशिया के तत्कालीन अटॉर्नी जनरल अब्दुल गनी पाताइल ने 68 करोड़ डॉलर के एक दान का संबंध रजाक के खाते से बताया था। यह खाता 1एमडीबी की कंपनियों और संस्थाओं से जुड़ा था।
इसके बाद पाताइल को हटा दिया गया था। मंगलवार को उनके उत्तराधिकारी मोहम्मद अली ने कहा था कि यह पैसा सऊदी राजपरिवार की तरफ से निजी दान था, जिसका ज्यादातर हिस्सा लौटा दिया गया था। हालांकि मलेशिया के भ्रष्टाचार विरोधी आयोग ने कहा है कि वो इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील करेगा।