Allahabad High Court में अपहरण की दोषी महिला को मिली जमानत, चार वर्ष की सजा निलंबित
याची के अधिवक्ता बीडी निषाद का कहना था कि पीड़िता के बयान में विरोधाभास है। प्राथमिकी में पीड़िता की उम्र 16 साल बताई गई है जबकि मेडिकल जांच रिपोर्ट में 17 वर्ष पाई गई है जो 18 वर्ष भी हो सकती है। दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हापुड़ के पिलखुआ थाना में अपहरण व नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अपहरण की दोषी महिला भूरी की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा कि अपीलार्थी को निजी मुचलके और दो प्रतिभूमियों के साथ रिहा किया जाय। यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने भूरी की सजा के खिलाफ अपील की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने चार वर्ष की सजा निलंबित रखने का आदेश दिया।
याची के अधिवक्ता ने दिया तर्क : याची के अधिवक्ता बीडी निषाद का कहना था कि पीड़िता के बयान में विरोधाभास है। प्राथमिकी में पीड़िता की उम्र 16 साल बताई गई है, जबकि मेडिकल जांच रिपोर्ट में 17 वर्ष पाई गई है, जो 18 वर्ष भी हो सकती है। दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है। साक्ष्यों की अनदेखी की गई है।
हत्या आरोपी की जमानत मंजूर : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरठ के भवनपुर थाना में हत्या के आरोपी सर्वेश शर्मा की जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने सर्वेश शर्मा की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिया। याची की ओर से अधिवक्ता दिलीप पांडेय ने बहस की। कहा गया कि याची मामले में निर्दोष है। वह बयानों के आधार पर आरोपी बनाया गया है। इसलिए उसे जमानत पर छोड़ दिया जाए। कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियाें को देखते हुए याची को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।