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Uttarakhand Accident: मौत की बर्बादी देखकर जिंदगी की भी कांप उठी रूह, दुर्घटना के बाद उड़े बस के परखच्चे

मंगलवार शाम सात बजे वीरोंखाल ब्लाक के अंतर्गत रिखणीखाल-सिमड़ी-वीरोंखाल मोटर मार्ग पर सिमड़ी बैंड पर हुए बस हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों का कलेजा मुंह को आ गया।

By Jagran NewsEdited By: Sumit KumarPublished: Thu, 06 Oct 2022 03:49 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 03:49 PM (IST)
Uttarakhand Accident: मौत की बर्बादी देखकर जिंदगी की भी कांप उठी रूह, दुर्घटना के बाद उड़े बस के परखच्चे
बस के परखच्चे उड़ गए और उसका मलबा यहां-वहां फैला था और बस की छत निकल गई थी।

जागरण संवाददाता, कोटद्वार: घटनास्थल पर पहुंचते ही जहां तक नजर जाती है लाशें बिछी हैं। जूते-चप्पल और सामान इस तरह बिखरे पड़े हैं कि पहचान करना मुश्किल है कि कौन किसका सामान है। पास ही बस के परखच्चे पड़े हैं, जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि हादसा कितना भयावह था। इन सबके बीच बच्चों की लाशें देखकर कौन ऐसा होगा जिसकी आंखें नम न हुई हों।

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मलबा यहां-वहां फैला था और बस की छत निकल गई

मंगलवार शाम सात बजे वीरोंखाल ब्लाक के अंतर्गत रिखणीखाल-सिमड़ी-वीरोंखाल मोटर मार्ग पर सिमड़ी बैंड पर हुए बस हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों का कलेजा मुंह को आ गया। हादसा इतना भयावह था कि बस के परखच्चे उड़ गए और उसका मलबा यहां-वहां फैला था और बस की छत निकल गई थी।

महिलाओं और बच्चों के खून से लथपथ शव

घटनास्थल का मंजर दिल दहला देने वाला था। बस के आसपास झाड़ियों में शव यहां-वहां बिखरे थे। बरात में शामिल सजी-संवरी महिलाओं और बच्चों के खून से लथपथ शव देखकर लोगों की रूह कांप उठी। ग्राम कांडा तल्ला निवासी प्रत्यक्षदर्शी बृजेश बताते हैं, रात में वो राहत-बचाव करने खाई में उतरे। लेकिन, शवों को देख वो हिम्मत नहीं जुटा पाए और वापस लौट आए।

अपनों की तलाश में पथराई आंखें

दुर्घटना की सूचना मिलते ही लालढांग क्षेत्र से बड़ी संख्या में आमजन पहुंचे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें पूरी रात घायलों को खाई से बाहर निकालती रही। जैसे-जैसे घायलों को बाहर निकाला गया, अपनों को जीवित देखकर लोगों के चेहरे खिल उठते। कई ऐसे भी थे जो पूरी रात अपनों के सुरक्षित होने की दुआ करते रहे। लेकिन, दोपहर तक उन्हें शव ही मिल पाए। बृजेश बताते हैं, चारों ओर बस चीत्कार सुनाई दे रहा था। ऐसे में प्रशासन को स्थिति संभालने के लिए शवों को पोस्टमार्टम के लिए रिखणीखाल स्वास्थ्य केंद्र भेजना पड़ा।

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