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UP MLC: BJP ने किया एमएलसी की दोनों सीटों पर कब्जा, मानवेंद्र सिंह और पद्मसेन चौधरी जीते

विधानसभा व नगरीय निकाय चुनाव के बाद सपा को इस चुनाव में भी निराशा हाथ लगी है। हालांकि सपा के लिए राहत वाली बात यह है कि रालोद के साथ उसका गठबंधन मजबूत रहा। कांग्रेस व बसपा ने सपा का साथ नहीं दिया।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaPublished: Tue, 30 May 2023 04:00 AM (IST)Updated: Tue, 30 May 2023 04:00 AM (IST)
UP MLC: BJP ने किया एमएलसी की दोनों सीटों पर कब्जा, मानवेंद्र सिंह और पद्मसेन चौधरी जीते
UP MLC: BJP ने किया एमएलसी की दोनों सीटों पर कब्जा, मानवेंद्र सिंह और पद्मसेन चौधरी जीते

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव से पहले हुए विधान परिषद की दो सीटों के उपचुनाव में विपक्ष की एकता को बड़ा झटका लगा है। दोनों ही सीटों पर उम्मीदों के मुताबिक भाजपा ने जीत दर्ज कर ली है। भाजपा के मानवेन्द्र सिंह को 280 व पदमसेन को 279 मत मिले। इसी प्रकार सपा के रामजतन राजभर को 115 व रामकरन निर्मल को 116 मत मिले। दोनों पदों के लिए हुए मतदान में एक-एक वोट अवैध घोषित हुए। विधानसभा व नगरीय निकाय चुनाव के बाद सपा को इस चुनाव में भी निराशा हाथ लगी है। हालांकि, सपा के लिए राहत वाली बात यह है कि रालोद के साथ उसका गठबंधन मजबूत रहा। कांग्रेस व बसपा ने सपा का साथ नहीं दिया। कांग्रेस के दो व बसपा के एक मात्र विधायक ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया।

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पिछला विधानसभा चुनाव सपा के साथ मिलकर लड़ने वाली सुभासपा ने इस बार सत्ताधारी दल भाजपा का साथ दिया। रघुराज प्रताप सिंह की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने भी भाजपा प्रत्याशियों को वोट दिया। सिक्किम का राज्यपाल बनने के बाद भाजपा एमएलसी लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने इस साल 15 फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। वहीं, बनवारी लाल दोहरे की 15 फरवरी को मृत्यु होने के बाद दोनों ही सीटें रिक्त हो गईं थीं। लक्ष्मण प्रसाद आचार्य का कार्यकाल 30 जनवरी 2027 तक था, जबकि बनवारी लाल दोहरे का कार्यकाल छह जुलाई 2028 तक था।

एमएलसी की इन दोनों सीटों के लिए सोमवार को मतदान सुबह नौ बजे से विधान भवन के तिलक हाल में हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुबह लगभग नौ बजे विधान भवन पहुंचकर वोट डाला। नेता प्रतिपक्ष व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने करीब 10 बजे मतदान किया। भाजपा के दोनों प्रत्याशी वर्तमान में पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के उम्ममीदवार रामकरन निर्मल समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष हैं जबकि मऊ के रहने वाले रामजतन राजभर पहले भी एमएलसी रह चुके हैं। सोमवार को हुए मतदान में कुल 403 विधायकों में से 396 सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

सपा के मनोज कुमार पारस भी बीमार होने की वजह से वोट डालने नहीं आ सके। तीन विधायक जेल में होने के कारण मतदान नहीं कर सके। इनमें सपा के इरफान सोलंकी, रमाकांत यादव व सुभासपा के अब्बास अंसारी शामिल हैं। शाम पांच बजे से मतगणना शुरू हुई। करीब दो घंटे बाद चुनाव नतीजे सामने आ गए। मानवेन्द्र सिंह बनवारी लाल के निधन से रिक्त हुई सीट पर चुने गए हैं जबकि पदमसेन चौधरी लक्ष्मण प्रसाद आचार्य की सीट से चुने गए हैं।

मजबूत रहा सपा-रालोद गठबंधन

नगरीय निकाय चुनाव में गठबंधन को दरकिनार कर अलग-अलग चुनाव लड़े सपा व रालोद ने एमएलसी चुनाव में फिर एक साथ गठबंधन के प्रत्याशी को वोट दिया। रालोद के सभी नौ विधायकों ने सपा उम्मीदवारों को वोट दिया। सपा के लिए चुनाव में राहत की बात यह है कि उसके व रालोद विधायकों में सत्ताधारी भाजपा सेंध नहीं लगा सकी।

भाजपा विधायक मोटरसाइकिल से आए वोट डालने

सीतापुर की महोली विधानसभा से भाजपा विधायक शशांक त्रिवेदी बुलेट मोटरसाइकिल से वोट डालने विधानभवन पहुंचे। वहीं, भदोही के सपा विधायक जाहिद बेग साइकिल से मतदान करने आए थे।

सपा के रामकरन निर्मल को मिला एक वोट अधिक

सपा के रामकरन निर्मल को सपा व रालोद गठबंधन में पड़े कुल मतों से भी एक वोट अधिक मिला है। सपा के 109 विधायकों में से 106 व रालोद के सभी नौ विधायकों ने मतदान किया है। इस हिसाब से सपा व रालोद गठबंधन को 115 वोट मिलने चाहिए जो रामजतन राजभर को मिले हैं। रामकरन को एक मत अधिक किसका मिला, इस पर कयासबाजी शुरू हो गई है। भाजपा को वोट देने वालों में से किसी भी पार्टी के एक विधायक ने रामकरन निर्मल को वोट दे दिया है।


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