जल स्तर घटने से शेरगढ़ टापू के पास यमुना पुल पर शुरू हुआ आवागमन
संवाद सहयोगी कुंजपुरा हथनीकुंड बैराज से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद अब यमुना न
संवाद सहयोगी, कुंजपुरा: हथनीकुंड बैराज से दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद अब यमुना नदी में बढ़ा जल स्तर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। इससे हरियाणा-उत्तर प्रदेश सीमा पर गांव शेरगढ़ टापू के पास यमुना पुल से आवागमन धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है। हालांकि, अभी भी पानी के कारण समस्याएं आ रही हैं। शुक्रवार को गांव की ओर यमुना पुल पर करीब 12 फुट पानी बहने से सीमा पर आवागमन बाधित हो गया था। मजबूरी में दुपहिया वाहनों को ट्रैक्टर-ट्राली में चढ़ा कर पुल पार कराना पड़ा था। दिन भर चली प्रक्रिया में कुछ ग्रामीणों ने अपनी ट्रैक्टर-ट्रालियां राहगीरों के लिए उपलब्ध कराई थीं। शनिवार को भी कुछ दुपहिया वाहन चालकों को ट्रैक्टर ट्राली का सहारा लेना पड़ा। बता दें कि चार साल पूर्व यूपी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश की सीमा में करोड़ों रुपए खर्च करके यमुना नदी पर करीब दो किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण कराया गया था। जबकि हरियाणा सीमा में मात्र 500 फुट क्षेत्र में हरियाणा सरकार की ओर से पुल बनवाया गया है। इसका ऊंचाई स्तर उत्तर प्रदेश की सीमा में बने पुल की अपेक्षा काफी नीचा होने से यमुना में जलस्तर बढ़ने पर पुल पानी में डूब जाता है।
बरसाती सीजन में स्थिति और गंभीर बन जाती है। छोटे-बड़े वाहनों का आवागमन बाधित हो जाता है। जबकि रोजाना अलग अलग प्रकार के करीब ढाई हजार वाहन इस मार्ग पर आवागमन करते हैं। दोनों प्रदेशों के लोग ऊंचा पुल बनाए जाने की मांग को लेकर लगातार आवाज उठा रहे हैं लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। जबकि दोनों प्रदेशों में सुचारू आवागमन के लिए समस्या का समाधान बेहद जरूरी माना जा रहा है। क्या कहते ग्रामीण
गांव शेरगढ़ टापू निवासी हरपाल सिंह एवं सुरेश नंबरदार आदि ने बताया कि ग्रामीणों के कई वाहन दो दिन से उत्तर प्रदेश की सीमा में खड़े हैं। ग्रामीणों के अनुसार यमुना में जल स्तर बढ़ते ही पानी की धार का ज्यादा बहाव हरियाणा सीमा में उनके गांव की तरफ हो जाने से फसल डूबने के अलावा रिग बांध में कटाव का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन ने बाढ़ के संभावित खतरे के मद्देनजर रिग बांध की मरम्मत व सफाई का कार्य तेजी से कराया हुआ है। रिग बांध की मरम्मत जारी
सीमा क्षेत्र में एडीसी कार्यालय की देखरेख में मनरेगा के तहत करवाए मरम्मत कार्य में अलग-अलग स्थानों पर सैंकड़ों श्रमिक लगाए गए हैं। गांव मोदीपुर के पास रिग बांध को दुरुस्त करने के लिए लगाई गई लेबर की सुपरवाइजर बबीता रानी ने बताया कि बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए मिट्टी से भरे हजारों कट्टे रिग बांध पर जगह-जगह रखे गए हैं। इसके अलावा रिग बांध में आई सभी छोटी-बड़ी दरारों को दुरुस्त करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।