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बंगाल सरकार समेत सभी पक्षों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, बकाया डीए के मामले में लिखित जवाब देने के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने बकाया महंगाई भत्ता से जुड़े मामले में बंगाल सरकार समेत सभी पक्षों को नोटिस देकर 14 दिसंबर तक इसपर लिखित तौर पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। उसी दिन इस मामले पर अगली सुनवाई भी होगी।

By Jagran NewsEdited By: Amit SinghPublished: Mon, 05 Dec 2022 11:41 PM (IST)Updated: Mon, 05 Dec 2022 11:41 PM (IST)
बंगाल सरकार समेत सभी पक्षों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, बकाया डीए के मामले में लिखित जवाब देने के निर्देश
बंगाल सरकार समेत सभी पक्षों को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: सुप्रीम कोर्ट ने बकाया महंगाई भत्ता (डीए) से जुड़े मामले में बंगाल सरकार समेत सभी पक्षों को नोटिस देकर 14 दिसंबर तक इसपर लिखित तौर पर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। उसी दिन इस मामले पर अगली सुनवाई भी होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से कलकत्ता हाई कोर्ट के बकाया डीए संबंधी मामले में सुनाए गए आदेश पर भी स्थगनादेश लग गया है।

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हाईकोर्ट ने गत 20 मई को बंगाल सरकार को अपने कर्मचारियों के बकाया डीए का भुगतान करने को कहा था। निर्धारित समय पर बकाया डीए का भुगतान नहीं होने का दावा करते हुए सरकारी कर्मचारियों के तीन संगठनों कांफेडरेशन आफ स्टेट गवन्र्मेंट इम्प्लोयीज, यूनिटी फोरम एवं सरकारी कर्मचारी परिषद ने अदालत की अवमानना का मामला दर्ज किया था। उस मामले में राज्य सरकार हलफनामा दाखिल कर चुकी है और सुप्रीम कोर्ट का रूख किया।

राज्य सरकार की पैरवी करते हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायाधीश विवेक माहेश्वरी व न्यायाधीश ऋषिकेश राय की खंडपीठ में कहा कि इस समय डीए के 49 हजार 770 करोड़ रुपये बकाया हैं। बंगाल पर भारी आर्थिक बोझ है। ऐसा नहीं है कि डीए नहीं दिया जा रहा। राज्य सरकार बार-बार बकाया डीए का भुगतान कर रही है। अब तक 125 प्रतिशत डीए दिया जा चुका है। अदालत के निर्देशानुसार डीए दिए जाने की बात है लेकिन पांचवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक साल में दो बार बकाया समेत डीए देने की मांग की जा रही है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।


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