Move to Jagran APP

अधूरे फैसलों का जखीरा छोड़ गए वीरप्पा मोइली

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। संप्रग की नीतिगत जड़ता की उलझन को नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार के हर मंत्री को सुलझाना है, लेकिन नए पेट्रोलियम मंत्री पर इसका कुछ ज्यादा ही बोझ पड़ने वाला है। भारत को तेल आयात बिल से मुक्ति दिलाने का दावा करने वाले पूर्व पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली अपने पीछे तीन दर्जन से ज्यादा आधे-अधू

By Edited By: Published: Wed, 21 May 2014 08:29 PM (IST)Updated: Wed, 21 May 2014 08:28 PM (IST)
अधूरे फैसलों का जखीरा छोड़ गए वीरप्पा मोइली

नई दिल्ली, जयप्रकाश रंजन। संप्रग की नीतिगत जड़ता की उलझन को नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सरकार के हर मंत्री को सुलझाना है, लेकिन नए पेट्रोलियम मंत्री पर इसका कुछ ज्यादा ही बोझ पड़ने वाला है। भारत को तेल आयात बिल से मुक्ति दिलाने का दावा करने वाले पूर्व पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्पा मोइली अपने पीछे तीन दर्जन से ज्यादा आधे-अधूरे फैसलों का जखीरा छोड़कर गए हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालने वाले नए मंत्री को प्राकृतिक गैस की कीमत के विवादास्पद मामले पर तत्काल फैसला करना होगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रसोई गैस कनेक्शन को तेजी से बढ़ाने, सीधे ग्राहकों के हाथों में एलपीजी सब्सिडी देने, तेल कंपनियों के बीच सब्सिडी बंटवारे जैसे आम जन से जुड़े मुद्दों पर तुरंत निर्णय करना पड़ेगा।

loksabha election banner

पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मोटे तौर पर मंत्रालय ने 37 मुद्दों की सूची बनाई है, जिसे अमली जामा पहनाना होगा। इनमें से कुछ मुद्दों पर कैबिनेट नोट तैयार है, लेकिन कई मामले वित्त और पर्यावरण मंत्रालय के बीच फंसे हुए हैं, तो कुछ विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर आगे बढ़ाने होंगे। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इन सभी मुद्दों पर विस्तृत नोट तैयार कर लिया है। कैबिनेट सचिवालय के अधिकारियों के साथ संभवत: गुरुवार को इन पर चर्चा होगी। उसके बाद ही इन मुद्दों की अड़चनों की दूर करने और इन्हें तेजी से लागू करने का रोडमैप तैयार किया जाएगा। मकसद यह है कि जो भी नया पेट्रोलियम मंत्री बने, उसके सामने इन अटके फैसलों को आगे बढ़ाने का पूरा खाका हो।

इनमें से कुछ मुद्दों पर मोइली के निर्देश पर कैबिनेट नोट बना कर वितरित भी किया गया था, लेकिन उसे अंजाम पर नहीं पहुंचाया जा सका था। मसलन, यूनीफॉर्म लाइसेंसिंग नीति और नए तेल ब्लाकों की खोज में उत्पादन की प्रक्रिया शुरू करने की राह में रोड़े को दूर करने संबंधी प्रस्ताव। इसी तरह से कोल इंडिया के कोयला ब्लॉकों से गैस निकालने के लिए निविदा मंगवाने का प्रस्ताव पर भी नोट तैयार है। निकट भविष्य में सरकारी तेल कंपनियों की तरफ से विदेश में तेल व गैस ब्लॉक खरीदने का प्रस्ताव किया जाना है। इस पर नए पेट्रोलियम मंत्री को विदेश मंत्री के साथ मिलकर फैसला करना होगा।

पढ़ें : मोइली, अंबानी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.