नक्सल क्षेत्रों में केंद्रीय बलों का विशेष भर्ती अभियान
नक्सली हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार विशेष भर्ती अभियान शुरू करने की तैयारी में है। 30 जून तक पूरा होने वाले इस अभियान में अर्द्धसैनिक बलों के 7387 पदों के लिए युवाओं का चयन किया जाएगा। पूरे अभियान को सिर्फ पांच राज्यों के 26 जिलों तक सीमित रखा जाएग
नई दिल्ली, [नीलू रंजन]। नक्सली हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार विशेष भर्ती अभियान शुरू करने की तैयारी में है। 30 जून तक पूरा होने वाले इस अभियान में अर्द्धसैनिक बलों के 7387 पदों के लिए युवाओं का चयन किया जाएगा। पूरे अभियान को सिर्फ पांच राज्यों के 26 जिलों तक सीमित रखा जाएगा। नक्सली हिंसा की 70 फीसद से अधिक घटनाएं इन्हीं जिलों में होती हैं।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,भर्ती अभियान की रूपरेखा तैयार कर ली गई है, अगले हफ्ते अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। इसके बाद भर्ती वाले जिलों में इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। हालांकि भर्ती अभियान की कमान सीआरपीएफ को सौंपी गई है,लेकिन इनके तहत आइटीबीपी, बीएसएफ, एसएसबी जैसे दूसरे केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में जवानों की भर्ती की जाएगी। विशेष भर्ती के लिए बिहार के औरंगाबाद, गया, जमुई, छत्तीसगढ़ के बस्तर, बीजापुर, दांतेवाड़ा, कांकेर, कोंडेगांव, नारायणपुर, राजनंदगांव व सुकमा, झारखंड के गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, खुंटी, लातेहार, पलामू, सिमडेगा व पश्चिमी सिंहभूम और पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले को चुना गया है। ओडिशा के तीन, आंध्रप्रदेश के दो और महाराष्ट्र के एक जिले भी भर्ती अभियान चलेगा।
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, देश में नक्सली घटनाओं में से 70 फीसद से अधिक इन्हीं जिलों तक सीमित हैं। इन जिलों में बेरोजगार नौजवान नक्सलियों के बहकावे में आसानी से आ जाते हैं। इसीलिए इन जिलों में नौजवानों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने का फैसला गया। ज्ञात हो, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जंगल महल इलाके में ऐसी तरह का भर्ती अभियान चलाया था। इसके बाद इलाके से नक्सलियों का सफाया हो गया।
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