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सरकार नरम, विपक्ष गरम

एशिया-यूरोप के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत आए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश नीति सलाहकार सरताज अजीज ने भारतीय जमीन पर भी कश्मीर मुद्दे का झंडा बुलंद किया। मेहमान की मर्यादा को ताख पर रख अजीज ने रविवार शाम कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से लंबी मुलाकात की।

By Edited By: Published: Mon, 11 Nov 2013 02:40 AM (IST)Updated: Mon, 11 Nov 2013 02:41 AM (IST)
सरकार नरम, विपक्ष गरम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एशिया-यूरोप के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत आए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश नीति सलाहकार सरताज अजीज ने भारतीय जमीन पर भी कश्मीर मुद्दे का झंडा बुलंद किया। मेहमान की मर्यादा को ताख पर रख अजीज ने रविवार शाम कश्मीर के अलगाववादी हुर्रियत नेताओं से लंबी मुलाकात की। हालांकि इससे आंखे फेरते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि हमने उन्हें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए बुलाया है। इससे अलग उनके कार्यक्रम हैं तो हम उसमें दखल नहीं करते। लेकिन, सरकार की नरमी पर विपक्ष ने हमलावर रुख अपनाते हुए इसे बड़ी कूटनीतिक भूल करार दिया।

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पाकिस्तानी उच्चायोग में अलग-अलग चली बैठकों में हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक, जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक, हुर्रियत के उग्र नेता सैयद अली शाह जिलानी और दुख्तराने मिल्लत के नेता मौजूद थे। अजीज से मुलाकात के बाद फारूक ने वकालती सुर में कहा, हम कश्मीर मसले के समाधान के लिए दोनों ही पक्षों से सहयोग चाहते हैं। इस मुलाकात में हुर्रियत नेताओं ने नियंत्रण रेखा पर हालिया तनाव का मुद्दा उठाने की भी बात कही। यासीन मलिक के मुताबिक अजीज ने उन्हें आश्वासन दिया कि पाकिस्तान कश्मीरी जनता के प्रयासों में उसके साथ है।

इस बीच, अलगाववादियों से मुलाकात को लेकर हमलावर भाजपा ने सरकार की नरमी को निशाना बनाया। पार्टी प्रमुख राजनाथ सिंह ने कहा, पाक प्रधानमंत्री के विदेश नीति सलाहकार को भारत में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मुलाकात की इजाजत देना बड़ी कूटनीतिक भूल है जिसका राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों पर असर होगा। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पाकिस्तान के साथ शांति प्रयासों को कठघरे में खड़ा करते हुए राजनाथ ने कहा, न्यूयॉर्क में अमन हासिल करने के नाकाम प्रयासों के बाद अब पाक पीएम के विदेश नीति सलाहकार को आखिर क्यों अलगाववादियों से मिलने की इजाजत दी जा रही है?

सरकार के भीतर भी इस मामले पर दोहरे सुर सुनाई दिए। विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने इसे अधिक तूल देने से परहेज किया। लेकिन, सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने इस मुलाकात और हुर्रियत पर तंज कसते हुए कहा कि कश्मीर की नुमाइंदगी करने वालों को भी यह सोचना चाहिए कि वे चुनाव और लोकतांत्रिक प्रक्रिया से क्यों बचते हैं?

भारतीय कूटनीतिक खेमे की प्रतिक्रिया के मद्देनजर अभी तक विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद के साथ अजीज की मुलाकात के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं है। गुड़गांव में सोमवार से शुरू हो रहे दो दिवसीय एशिया-यूरोप विदेश मंत्री सम्मेलन से इतर दोनों नेताओं का 12 नवंबर को मिलने का कार्यक्रम है। अजीज की भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन से भी मुलाकात संभावित है।

-भारतीय जमीन पर पाक पीएम के सलाहकार को कश्मीर के अलगाववादियों से मुलाकात की इजाजत भारी कूटनीतिक भूल है। -राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष

-हमने उन्हें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिए बुलाया है। इससे अलग कार्यक्रम है तो हम उसमें दखल नहीं करते। -सलमान खुर्शीद, विदेश मंत्री

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