गलत सूचना दे वित्तीय उत्पाद बेचने वालों पर होगी सख्ती
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ग्राहकों को गलत सूचना देकर बीमा, पेंशन, शेयर बेचने की गतिविधियों से रिजर्व बैंक भी परेशान है। केंद्रीय बैंक ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि इस तरह की गतिविधियों पर जल्द लगाम लगाना जरूरी है। बैंक ने वित्तीय क्षेत्र की अन्य नियामक एजेंसियों से आग्रह किया है कि वे ग्राहकों को गलत सूचना देकर वित्तीय उत्पाद बेचन
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ग्राहकों को गलत सूचना देकर बीमा, पेंशन, शेयर बेचने की गतिविधियों से रिजर्व बैंक भी परेशान है। केंद्रीय बैंक ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि इस तरह की गतिविधियों पर जल्द लगाम लगाना जरूरी है। बैंक ने वित्तीय क्षेत्र की अन्य नियामक एजेंसियों से आग्रह किया है कि वे ग्राहकों को गलत सूचना देकर वित्तीय उत्पाद बेचने के मामले को गंभीरता से लें। केंद्रीय बैंक ने देश की वित्तीय स्थिरता के लिए इस तरह की गतिविधियों को खतरनाक बताया है।
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने देश की वित्तीय स्थिरता की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट बैंक की तरफ से हर छह महीने में जारी की जाती है। इस बार आरबीआइ ने हाल के कई घटनाक्रमों को इसमें शामिल किया है। मसलन, पश्चिम बंगाल के सारधा समूह के घोटाले और न्यूज वेबसाइट कोबरापोस्ट की तरफ से बैंकों में गलत सूचना देकर ग्राहकों को फंसाने का भी परोक्ष तौर पर जिक्र किया गया है। आम जनता से पैसा स्वीकार करने वाली गैर बैंकिंग कंपनियों पर और ज्यादा कड़ाई बरतने का सुझाव देते हुए आरबीआइ के संकेत हैं कि वह अपने स्तर पर भी कुछ कदम उठाने जा रहा है। केंद्रीय बैंक ने साफ तौर पर कहा है कि सभी तरह की गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर निगरानी के मौजूदा तौर-तरीके में बड़ा बदलाव किया जाएगा। सेबी, इरडा, कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के बीच सामंजस्य नहीं होने का फायदा निजी एजेंसियों को नहीं उठाने दिया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि संदिग्ध ग्राहकों के बारे में सूचना छिपाने संबंधी हाल में जो तथ्य सामने आए हैं वे बेहद चिंताजनक हैं। ग्राहकों के संदिग्ध लेनदेन की पूरी जानकारी संबंधित चैनल तक पहुंचाने की व्यवस्था को और कठोर करना होगा। इसके लिए बैंकों की मार्केटिंग टीम को अन्य टीम से अलग करना होगा। साथ ही ग्राहकों की पहचान सत्यापित करने संबंधी नियमों के पालन को लेकर भी और कड़ाई बरतने की जरूरत है। शेयर बाजार में भी तमाम सावधानी के बावजूद ग्राहकों को गलत सूचना देकर शेयरों की खरीद-फरोख्त की खबरें आते रहती हैं। अब देखना है कि इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार और अन्य वित्तीय नियामक एजेंसियां क्या कदम उठाती हैं।
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