Move to Jagran APP

हर्षोल्लास के साथ मनी मकर संक्रांति, बाजारों में रही चहल-पहल

किशनगंज। जिले में मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गुरुवार की सुबह से ही लोग म

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 11:56 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:56 PM (IST)
हर्षोल्लास के साथ मनी मकर संक्रांति, बाजारों में रही चहल-पहल
हर्षोल्लास के साथ मनी मकर संक्रांति, बाजारों में रही चहल-पहल

किशनगंज। जिले में मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गुरुवार की सुबह से ही लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना करने में जुटे थे। भगवान सूर्य को जल अर्पण कर श्रद्धालुओं ने परिवार, समाज व देश के लिए कोरोना संक्रमण से मुक्ति की प्रार्थना की। भगवान सूर्य सुबह 8.30 बजे धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश कर गए। इसके साथ ही मकर संक्रांति की शुरुआत हुई। संध्या 5.46 बजे तक पुण्य काल रहा। मकर संक्रांति के साथ ही भगवान सूर्य के उत्तरायण होते ही शुभ मुहूर्त का शुभारंभ हो गया।

loksabha election banner

पंडित दिवाकर मिश्र ने बताया कि पौराणिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन पुण्य काल में स्नान-ध्यान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार लोगों ने नदी, तालाब और पोखरों में स्नान करने के बजाय घर में ही स्नान किए। स्नान के बाद भगवान सूर्य की आराधना करने के साथ जल, फूल, लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, अक्षत, सुपारी और दक्षिणा अर्पित किया गया। पूजा समाप्ति के बाद श्रद्धालुओं ने खाद्य सामग्री और वस्त्र दान किए। साथ ही जरुरतमंद लोगों के बीच खिचड़ी का वितरण किया गया।

बाजार में मुड़ी के लाई, चूड़ा के लाई, तिलकुट, पापड़ी और मुरब्बा की बिक्री वृहत पैमाने पर हुई। बाजार में लोग गया व अन्रू जगहों से आने वाले तिलकुट की भी खरीदारी की। तिलकुट 100 रुपये किलो से लेकर 250 रुपये किलो तक बिक रहे थे। भागलपुर वाले कतरनी चूड़ा की भी खूब मांग रही। चूड़ा के बने लाई दो सौ रुपये किलो और तिल के बने लडडू 160 से लेकर 180 रुपये किलो तक बिके।

योग गुरु रविराज के द्वारा मकर संक्रांति पर भारत योग सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में सुभाषपल्ली सहित विभिन्न मोहल्लों में कार्यक्रम आयोजित किए। इस कार्यक्रम में बच्चों को मकर संक्रांति पर्व के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति पर्व देश के कई हिस्सों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है। यह पर्व हमें संदेश देता है कि प्रतिदिन ब्रह्न मुहूर्त में उठकर स्नान करने के साथ भगवान सूर्य को जल अर्पण करें। बच्चों को पतंग उड़ाना भी सिखाया गया। इस दौरान मुख्य रूप से सपन कुमार, बहेरु राय ,किस्कू, जोगेश्वर राय, पिटू राय आदि मौजूद थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.