पाक की नई सरकार ही करेगी एमएफएन पर फैसला
भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र (एमएफएन) का दर्जा देने का फैसला अब पाकिस्तान की नई सरकार ही करेगी। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सलमान बशीर ने इस बारे में साफ संकेत देते हुए कहा कि नई सरकार ही अब द्विपक्षीय रिश्ते को आगे बढ़ाने का सिलसिला जारी रखेगी। बशीर ने इस बात पर खुशी जताई कि पाकिस्तान में जल्द होने व
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत को सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र का दर्जा देने का फैसला अब पाकिस्तान की नई सरकार ही करेगी। भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सलमान बशीर ने इस बारे में साफ संकेत देते हुए कहा कि नई सरकार ही अब द्विपक्षीय रिश्ते को आगे बढ़ाने का सिलसिला जारी रखेगी। बशीर ने इस बात पर खुशी जताई कि पाकिस्तान में जल्द होने वाले आम चुनाव में भारत कोई मुद्दा नहीं है, जो एक बड़ी बात है। इस दर्जे के बाद पाकिस्तान द्वारा विश्व व्यापार संगठन के अन्य देशों को दी गई रियायत भारत को भी स्वत: मिलने लगेगी।
उद्योग चैंबर एसोचैम की अगुआई में भारत और पाकिस्तान के उद्योगपतियों के बीच यहां हुई बैठक को बशीर ने संबोधित किया। इसमें हिस्सा लेने के बाद बशीर ने संवाददाताओं को बताया कि भारत को एमएफएन देने का फैसला सिद्धांत के तौर पर हो चुका है। अब इसे लागू करना है। इस बारे में अगले कुछ हफ्तों या महीनों में अंतिम फैसला हो सकता है। लेकिन पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों की सरकारों ने आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने के लिए जो प्रयास किए हैं, वे सही दिशा में बढ़ रहे हैं। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि भारत के राजनीतिक परिदृश्य में भी पाकिस्तान कोई मुद्दा नहीं होगा। दोनों देशों को आपसी विश्वास का माहौल लगातार बनाए रखना होगा।
भारत को एमएफएन दर्जा देने को वैसे बशीर कोई बहुत अहम कदम नहीं मानते। उनके मुताबिक इस दर्जे के बगैर भी पाकिस्तान को भारत से होने वाला निर्यात लगातार बढ़ रहा है। व्यापार संतुलन काफी हद तक भारत के पक्ष में है। अगर एमएफएन का दर्जा मिल जाता है तो इससे दोनों देशों को फायदा होगा।
पाकिस्तान सरकार की कैबिनेट ने इस बारे में फैसला तो कर लिया था, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। इस बारे में 31 दिसंबर, 2012 की समय सीमा तय की गई थी, लेकिन तब तक दो भारतीय सैनिकों की सर कटी लाशें मिलने से रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं। वैसे, इस घटना के बाद भी भारत-पाक के बीच सरकारी स्तर पर आपसी व्यापार को बढ़ाने पर बातचीत हुई है। दोनों देशों ने वर्ष 2014 तक आपसी व्यापार को मौजूदा दो अरब डॉलर से बढ़ाकर छह अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है।
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