किसी अनजान सी दहशत में था निशांत
रविवार देर रात उनका शव कानपुर आवास पहुंचा।
जागरण संवाददाता, कानपुर : भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) के सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी (असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर) निशांत वर्मा ने शनिवार को दिल्ली के शकरपुर स्थित अपने फ्लैट में आत्महत्या कर ली। रविवार देर रात उनका शव कानपुर आवास पहुंचा। जहां एक ओर स्वजन आत्महत्या के कारणों से पूरा तरह से अनजान हैं, वहीं करीबी दोस्त का दावा है कि दीपावली के अवकाश पर जब वह आया था तब से वह टेंशन में था। उसने पूछा भी लेकिन बात टालकर वह चला गया।
निशांत वर्मा का परिवार शास्त्री नगर में काली मठिया के पास रहता है। पिता जय प्रकाश वर्मा टेलरिग का काम करते थे। बड़े बेटे प्रशांत और छोटे बेटे निशांत के बीटेक करने के बाद उन्होंने टेलरिग का काम छोड़ दिया था। प्रशांत कनाडा में एक इंटरनेशनल कंपनी में है, जबकि निशांत 7 जुलाई 2020 को कैग में सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात हुआ था। पिता जय प्रकाश ने बताया कि बेटा दीपावली पर घर आया था और सामान्य दिखाई दिया। वापस जाने के बाद भी वह परिवार के लगातार संपर्क में था। शुक्रवार को आखिरी बार बात हुई थी। जब शनिवार को फोन नहीं आया तो मां कुसुम ने मकान मालिक को फोन किया। मकान मालिक ने बताया कि कामवाली भी आज लौट गई और दरवाजा नहीं खुला। इसके बाद मकान मालिक मौके पर गए तो खिड़की से उन्होंने निशांत का शव लटके हुए देखा। इसकी सूचना मिलते ही वह परिवार के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
हालांकि निशांत के दोस्त अभिनव राठौर की मानें तो वह इस बार कुछ टेंशन में था। दीपावली पर घर से बाहर ही उसे बधाई देकर जाने लगा तो उसने पूछा भी था कि क्या कोई टेंशन है तो वह बात टाल कर चला गया। हर बार सेंट्रल स्टेशन छोड़ने के लिए वही जाता था, लेकिन इस बार निशांत उसे बताए बगैर चला गया। अभिनव का दावा है कि उसके जीवन में अचानक से कोई तूफान उठा, जिसकी वजह से उसे जान देने के लिए विवश होना पड़ा।
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मोबाइल खोल सकता है राज
निशांत के पिता ने बताया कि तलाशी में उनके बेटे के पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। दिल्ली पुलिस ने उसका मोबाइल अपने कब्जे में लिया है। उससे ही कुछ पता चल सकता है कि आखिर उसने आत्महत्या क्यों की।
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पढ़ाई में था अव्वल
स्वजनों ने बताया कि निशांत पढ़ाई में अव्वल था। इंटर के बाद ही उसका नेवी में चयन हो गया था, मगर वह नहीं गया। वर्ष 2017 में टेक्सटाइल कॉलेज से बीटेक करने के बाद पहले ही प्रयास में उसका सलेक्शन कैग के लिए हो गया था, मगर मामला अदालती दांवपेंचों में उलझ गया। ऐसे में निशांत ने इलाहाबाद बैंक में क्लर्क पद पर ज्वाइन कर लिया। जून 2020 में अदालती अड़चन समाप्त होने के बाद जुलाई 2020 में उसने कैग ज्वाइन कर लिया था।