हंगामे के बीच अंतरिम बजट लोकसभा से पास
भारी हंगामे और सपा सांसदों के शोर-शराबे के बीच साल 2014-15 का अंतरिम बजट बिना चर्चा और वित्त मंत्री के जवाब के लोकसभा से पारित हो गया। साथ ही 20,76,561 करोड़ रुपये के दो विनियोग बिलों को भी सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी है। अब बृहस्पतिवार को इसे राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है। पिछड़ी जातियों के
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारी हंगामे और सपा सांसदों के शोर-शराबे के बीच साल 2014-15 का अंतरिम बजट बिना चर्चा और वित्त मंत्री के जवाब के लोकसभा से पारित हो गया। साथ ही 20,76,561 करोड़ रुपये के दो विनियोग बिलों को भी सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी है। अब बृहस्पतिवार को इसे राज्यसभा में पेश किए जाने की संभावना है।
पिछड़ी जातियों के आरक्षण समेत कई मुद्दों को लेकर लोकसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह से ही बाधित हो रही थी। दोपहर बाद जब सदन बैठा तो भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने अंतरिम बजट पर चर्चा की शुरुआत की। लेकिन सदन में शोर शराबा इतना अधिक था कि लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को उन्हें बीच में ही रोक देना पड़ा। इसके बाद हंगामे के बीच में ही बिना आगे चर्चा कराए, इसे पारित करा लिया गया। वित्त विधेयक को भी सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। जोशी ने इस अंतरिम बजट पर बोलते हुए इसे 'वोट ऑफ अकाउंट' के स्थान पर 'अकाउंट फॉर वोट' बताया। वग अंतरिम बजट पर बोलने वाले अकेले सदस्य थे।
इस पर चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी और जनता दल यूनाइटेड के सदस्य एम्स में सुपर स्पेशियलिटी पदों पर आरक्षण की मांग कर रहे थे। उनकी इस मांग पर शोर-शराबा इतना अधिक बढ़ गया कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम अंतरिम बजट पर चर्चा का जवाब भी नहीं दे पाए।
बुधवार को पारित दो विनियोग विधेयकों में एक के जरिये सरकार ने साल 2014-15 के पहले चार महीने का खर्च चलाने के लिए 20,30,334 करोड़ रुपये समेकित निधि से निकालने की मंजूरी मांगी है। दूसरे विनियोग बिल में चालू वित्त वर्ष की अतिरिक्त पूरक अनुदान मांगों की पूर्ति के लिए 46,227 करोड़ रुपये की राशि निकालने की अनुमति मांगी गई है।
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