किडनी कांड : पीड़ित को डॉक्टर की लापरवाही से हुआ हेपेटाइटिस बी
- मामला स्टोन की जगह किडनी निकालने का आइजीआइएमएस में जांच के दौरान हुई पुष्टि -अब जान पर मंडरा रहा खतरा पीड़ित के स्वजनों का फोन रिसीव नहीं कर रहे डॉक्टर --------------- जागरण संवाददाता पटना
पटना । बाई किडनी से पथरी की जगह दाई किडनी निकालने के पीड़ित युवक की जान पर खतरा मंडरा रहा है। आइजीआइएमएस के सामान्य वार्ड में भर्ती युवक की हेपेटाइटिस बी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इससे लिवर में घाव, लिवर कैंसर, लिवर फेल, किडनी व नसों संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। दूसरी ओर आरोपित बीजीबी हॉस्पिटल के डॉ. पीके जैन अपना क्लीनिक 19 नवंबर से बंद किए हुए हैं और पीड़ित के स्वजनों का फोन नहीं उठा रहे हैं।
आइजीआइएमएस के चिकित्साधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि युवक गंभीर हालत में शनिवार को भर्ती कराया गया था। उसकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव आया है। युवक को सामान्य वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। रविवार को कई सामाजिक संगठन के लोग पीड़ित युवक मोहम्मद मुजाहिद से मिलने पहुंचे। वहीं, रविवार को दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के बाद डॉ. पीके जैन ने कहा कि मैं गलती मान चुका हूं और पूरा खर्च उठाने को तैयार हूं। मरीज के भाई से बात की है और खर्च के बारे में पूछकर पैसे उपलब्ध करा रहा हूं।
क्या है मामला
बेगूसराय के 20 वर्षीय युवक मुजाहिद की बाई किडनी में 11 और 9 एमएम के दो स्टोन थे। इसे निकलवाने वह कंकड़बाग स्थित बीजीबी हॉस्पिटल में भर्ती हुआ था। डॉक्टर ने लैप्रोस्कोपिक की जगह पहले ओपेन सर्जरी की बात कही और फिर स्वस्थ दाई किडनी को निकाल दिया। होश में आने पर मरीज को इसकी जानकारी हुई और हंगामे पर तमाम लोग जुट गए। पुलिस के आने पर डॉक्टर ने समझौता कर लिया था।
ऐसे फैलता है हेपेटाइटिस बी
हेपेटाइटिस बी का वायरस खून, सीमन और शरीर के अन्य तरल पदार्थ के जरिए संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में पहुंचता है। ये स्थितिया संक्रमित व्यक्ति पर इस्तेमाल की गई सुई के इस्तेमाल, टैटू की सूई, संक्रमित व्यक्ति के रेजर या ब्रश के इस्तेमाल, असुरक्षित यौन संबंध से फैलता है।