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कुशीनगर में महंगा पड़ा मतदाता सूची में नाम जोड़ना, भेजे गए जेल

कुशीनगर के विशुनपुरा विकास खंड के धौरहरा में भोजन करने गए बीएलओ तो मौके का फायदा उठाते हुए तीन लोगों ने 50 से अधिक नाम सूची में बढ़ा दिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 12:27 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 12:27 AM (IST)
कुशीनगर में महंगा पड़ा मतदाता सूची में नाम जोड़ना, भेजे गए जेल
कुशीनगर में महंगा पड़ा मतदाता सूची में नाम जोड़ना, भेजे गए जेल

कुशीनगर: जिले के विशुनपुरा विकास खंड के गांव धौरहरा में मतदाता सूची में 50 से अधिक नाम बढ़ाना तीन युवकों पर भारी पड़ा। मामला बुधवार का है, लेकिन गुरुवार को मामले में बीएलओ की तहरीर पर तीनों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज करते हुए दो को पुलिस ने जेल भेज दिया है। तीसरे आरोपित की पुलिस तलाश कर रही है।

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बीएलओ रामनाथ ने कोतवाली में दिए तहरीर में लिखा है कि वह अपने कार्यालय में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की परिवर्धन सूची तैयार कर सुपरवाइजर योगेन्द्र गुप्ता से हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किए, जिस पर उन्होंने प्रोफार्मा में रिक्त जगह को काटकर अपना हस्ताक्षर बना दिया। इसी बीच भूख लगने पर भोजन के लिए कागजात राजकुमार यादव को सौंपकर खाना खाने चला गया। इस दौरान वह अन्य दो प्रधानी के चुनाव लड़ने वाले विजय गुप्ता और राकेश यादव को बुलाकर हर वार्ड में लगभग 50 से अधिक नाम बढ़ा दिए। बीएलओ कागज लेकर रजिस्ट्रार कानूनगो के पास गए तो उनकी नजर सुपरवाइजर के हस्ताक्षर के ऊपर कटे स्थान पर बढ़ाए गए नामों पर पड़ी। रजिस्टार ने इसकी सूचना तत्काल तहसीलदार सदर सत्य प्रकाश सिंह को दी। इसी बीच तीनों युवक तहसील कार्यालय पहुंच गए, जिनमें से दो विजय व राकेश बीएलओ की निशानदेही पर पकड़ लिए गए, तीसरा भाग निकला। कोतवाली प्रभारी अनुज कुमार सिंह ने कहा कि मुकदमा दर्ज कर दो को जेल भेज दिया गया है। तीसरे की तलाश की जा रही है। शीघ्र उसे भी जेल भेजा जाएगा।

किसानों को दिया गया भूमि का मुआवजा

कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को फोरलेने से जोड़ने के लिए शाहपुर के 21 किसानों की भूमि ली जानी है। अबतक जिन किसानों ने भूमि का बैनामा किया है उनको मुआवजा दिया जा चुका है।

प्रशासन की ओर से किसानों को छह लाख 51 हजार चार सौ रुपये का मुआवजा दिया गया है। भूमि का बैनामा करने वाले आठ किसानों में मनोज, संतोषी, जमुना, खलील, हकीम, सावित्री, आजाद व गुलाइची शामिल हैं। इसके पहले भी छह किसान अपनी भूमि का बैनामा कर मुआवजे की राशि ले चुके हैं। सिर्फ सात किसान बचे हैं, जिनकी भूमि ली जानी बाकी है।


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