गोलियों की तड़तड़ाहट सुन लोगों ने बंद किए खिड़की-दरवाजे
जागरण संवाददाता वाराणसी ठंड के मौसम में सर्द हवाओं के बीच शाम ढलते ही अमूमन गांव में
जागरण संवाददाता, वाराणसी : ठंड के मौसम में सर्द हवाओं के बीच शाम ढलते ही अमूमन गांव में अलाव पर देर रात तक देश-दुनिया की बातें आम हैं। मगर रविवार की शाम ऐढ़े गांव और आसपास के निवासियों के लिए अलग ही माहौल था। रिग रोड से आती वाहनों के आवाज के बीच अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट सुन बड़ी घटना की आशंका में ग्रामीण सहम गए।
लोगों ने बच्चों के साथ स्वयं को घरों में एक तरह से कैद कर लिया और दहलीज तक सिमट गए। खिड़की-दरवाजे बंद कर अपने घरों के आसपास निगरानी करने लगे। वहीं, कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाते हुए खिड़की और छत से ही देखने-जानने की कोशिश भी शुरू की, मगर दूर-दूर तक अंधेरा ही अंधेरा था। कहीं कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में लोगों ने चुपचाप सो जाना ही बेहतर समझा। कुछ हिम्मती लोग अंजाम की परवाह किए बगैर गोली चलने की दिशा में बढ़ चले। महज यह देखने-जानने के लिए कि आखिर वहां हुआ क्या है। रिगरोड के किनारे दूर-दूर तक खाली पड़े खेतों में वैसे तो सांझ के बाद कोई झांकने तक नहीं जाता। साथ ही अपने सगे-संबंधियों को फोन कर गोली चलने के बारे में पूछने लगे। पहले लोगों ने गैंगवार होने के बारे सोचा। कुछ लोगों ने पुलिस के 112 नंबर और स्थानीय थाने पर फोन करके घटना की जानकारी मांगने लगे। आधे घंटे बाद मालूम चला कि पुलिस और बदमाश में मुठभेड़ हो रही है। घटना-स्थल से कुछ दूर पहले ही पुलिस ने ग्रामीणों को रोक दिया और बदमाशों के साथ हुई मुठभेड़ की जानकारी दी। घटनास्थल को देखने व माजरा समझने के बाद ग्रामीण वापस लौटे। गांव में जो भी रास्ते में मिला सबको रोचक अंदाज में पूरा वृतांत बताते गए। इक्का-दुक्का स्थानों पर जल रहे अलाव के पास बाकायदा देर रात तक इस पर चर्चाएं होती रहीं।