जीएसटी से हिमाचल रहेगा फायदे में
देश में जीएसटी यानी वस्तु सेवा कर लागू करने के मामले में संसद में हंगामा हो रहा है, मगर हिमाचल के लिए यह कर प्रणाली लाभदायक साबित होगी। प्रदेश को सालाना दो हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर केंद्र सरकार से मिलेगा। अभी तक वैट से प्रदेश सरकार को पांच
शिमला। देश में जीएसटी यानी वस्तु सेवा कर लागू करने के मामले में संसद में हंगामा हो रहा है, मगर हिमाचल के लिए यह कर प्रणाली लाभदायक साबित होगी। प्रदेश को सालाना दो हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर केंद्र सरकार से मिलेगा। अभी तक वैट से प्रदेश सरकार को पांच हजार करोड़ रुपये आते हैं।
जीएसटी यानी वस्तु सेवा कर शुरू होने से प्रदेश के ढाई लाख कारोबारियों को बड़ी राहत प्राप्त होगी। अब कई तरह की रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं रहेगी। जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र से टैक्स के हिस्से के रूप में ज्यादा राशि मिलने की आस बंधी है। नई कर प्रणाली लागू होने के बाद देशभर में जहां वस्तु का उपभोग किया जाएगा, उसी राज्य को टैक्स का हिस्सा मिलेगा।
प्रदेश में औद्योगिकीकरण दूसरे राज्यों की तुलना में कम हुआ है। प्रदेश उपभोक्ता राज्य है, यहां पर अधिकतर उत्पाद बाहरी राज्य से आता है। वस्तुओं का उपयोग करने के मामले में प्रदेश दूसरे राज्यों की अपेक्षा आगे है। इस आधार पर राज्य को उम्मीद है कि जीएसटी के लागू होने के बाद केंद्र सरकार से टैक्स के हिस्से में अच्छा खासा बजट मिलेगा।
आंकड़ों को देखें तो वर्तमान में राज्य सरकार को शराब और पेट्रोल को छोड़ दे तो वैट के रूप में 3500 करोड़ रुपये का राजस्व सालना मिलता है। हर साल इसमें बढ़ोतरी की जा रही है। केंद्र में जीएसटी के लागू होने के बाद राज्य को छह से सात हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। ऐसा होता है तो राज्य को ज्यादा बिना कुछ किए ही एक से दो हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय मिल सकेगी।
प्रधान सचिव आबकारी एवं कराधान डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने माना कि हिमाचल को जीएसटी से काफी लाभ होगा। उत्पादक राज्य न होने के कारण राज्य को केंद्र से टैक्स के हिस्से के रूप में काफी लाभ हो सकता है।