Move to Jagran APP

लोहे के पिलर गिराने से रोष

खतौली में मुख्य मार्ग स्थित प्राचीन श्री ताराचंद शिवालय में चारों ओर सुरक्षा के मद्देनजर बाउंड्री कराई जा रही है। दीवार पर लोहे पिलर लगाए गए थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 11:59 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 11:59 PM (IST)
लोहे के पिलर गिराने से रोष
लोहे के पिलर गिराने से रोष

जेएनएन, मुजफ्फरनगर। खतौली में मुख्य मार्ग स्थित प्राचीन श्री ताराचंद शिवालय में चारों ओर सुरक्षा के मद्देनजर बाउंड्री कराई जा रही है। दीवार पर लोहे पिलर लगाए गए थे। बुधवार की रात शरारती तत्वों ने पांच लोहे के पिलर गिरा दिए। सुबह मंदिर के देखरेख कर रहे रजनीश मिश्रा सुबह मंदिर पहुंचे तो उन्हें पिलर गिरे हुए मिले। मौके पर श्रद्धालुओं एकत्र हो गए। उन्होंने मंदिर के पिलर गिराने पर रोष जताया। सूचना पर पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है। गैंगस्टर दबोचा

loksabha election banner

मुजफ्फरनगर : शहर कोतवाल अनिल कपरवान ने बताया कि रामपुरी निवासी निशांत शातिर बदमाश है। उसके खिलाफ सिविल लाइन, शहर कोतवाली और नई मंडी समेत लूट और चोरी के मुकदमे दर्ज हैं। फिलहाल वह सिविल लाइन थाने से वांछित चल रहा था। सिविल लाइन पुलिस ने उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। गुरुवार को पुलिस ने उसे दबोचकर चालान कर दिया। वांछित आरोपितों को दबोचा

सिखेड़ा : एसएसआइ प्रेमपाल सिंह ने बताया कि दारोगा गजेंद्र सिंह ठैनवा ने पुलिस फोर्स के साथ घेराबंदी कर मुकदमे में वांछित बकर पुत्र अलीहसन निवासी गांव असद नगर, हरिवंश पुत्र सुखलाल निवासी गांव भंडूर और तहसीम उर्फ बोनी पुत्र निसार निवासी गांव भंडूरा थाना सिखेड़ा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपितों का चालान कर दिया। एक साथ जली दो भाइयों की चिता, हर आंख हुई नम

संवाद सूत्र, पुरकाजी : दो चचेरे भाइयों की सुबह एक साथ चिताएं जलने से पूरा गांव गमगीन हो गया। कई गांवों के जिम्मेदार लोगों ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर स्वजनों को सांत्वना दी।

फलौदा निवासी तथा अंतराष्ट्रीय कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर संजय त्यागी उर्फ हैप्पी (50 वर्ष) का मंगलवार को जयपुर के पास साइट पर हुए हादसे में निधन हो गया था। इसकी सूचना पर बुधवार को संजय के चचेरे भाई मध्य प्रदेश की शुगर मिल में अफसर विजय त्यागी (40 वर्ष) पत्नी और दो बच्चों संग गाड़ी से घर लौट रहे थे। बुधवार तड़के नोएडा के पास सड़क दुर्घटना में विजय की भी मौत हो गई थी। हादसे में पत्नी और बेटे भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे। दोनों भाइयों के शव बुधवार देर रात गांव में पहुंचे। गुरुवार सुबह घर के बाहर आसपास के गांवों के लोगों की भीड़ जुट गई। सुबह सात बजे जैसे ही दोनों की अर्थियां श्मशान की ओर ले जाई जाने लगी तो हर किसी की आंखों में आंसू बह निकले। दो दिन से फलौदा गांव शोक में डूबा हुआ है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.