मेडिकल स्टोर्स पर बिक रहे मौत के इंजेक्शन
संवाद सहयोगी तिर्वा मेडिकल कॉलेज में बिना डॉक्टर की सलाह व पंजीकरण पर्ची के दवाएं द
संवाद सहयोगी, तिर्वा : मेडिकल कॉलेज में बिना डॉक्टर की सलाह व पंजीकरण पर्ची के दवाएं देने पर मनाही है। लेकिन यहां पर कारोबार धड़ल्ले से चल रहा। कई टेबलेट, इंजेक्शन, कैप्सूल की बिक्री पर रोक है पर 10 गुने दामों पर बिक रहे। कारण, इन दवाओं का उपयोग युवा नशेबाजी के लिए कर रहे हैं।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के सामने करीब 12 मेडिकल स्टोर संचालित होते हैं। नगर समेत आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 110 मेडिकल स्टोर संचालित होते हैं। इसमें से करीब 30 मेडिकल स्टोर ऐसे हैं जिन पर शासन से प्रतिबंधित दवाओं का की बिक्री धड़ल्ले से हो रही। निर्देश के बाद भी बावजूद भी मेडिकल स्टोर्स पर प्रतिबंधित दवाएं बिक रही हैं। कारण, इन दवाओं से युवा नशा कर रहे हैं। यह दवाएं मेडिकल स्टोर्स पर 10 गुने दामों में बेची जा रही हैं। युवक अपनी जान की परवाह न कर नशा करते हैं। इन इंजेक्शन, टेबलेट, सीरप व कैप्सूल का इस्तेमाल करने से कई युवाओं की मौत भी हो चुकी है। इसके बावजूद भी प्रशासन बेखबर है और मेडिकल स्टोर संचालक बिक्री बंद करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
ये है दवाएं
नशे के लिए युवा स्पाजमो प्राक्सीवान, एंटी एलर्जिक टेबलेट एविल, नारफिन एंपुल, नाइट्रोसीन टेबलेट, आयोडेक्स व कोरेक्स सीरप का भी उपयोग कर रहे हैं। नारफिन व नाइट्रोसीन को तो प्रतिबंधित कर दिया गया है। फिर भी ये मेडिकल स्टोर में मिल जाते हैं।
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मामला गंभीर है। प्रतिबंधित दवा रखने वाले स्टोर्स पर छापेमारी होगी। ऐसी दवाएं मिलने पर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई होगी। लिखित शिकायत मिलने पर एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी।
-गजेंद्र कुमार, एडीएम