Move to Jagran APP

अनिवासी भारतीयों के लिए देवदूत से कम नहीं दर्शन लाल, कई युवाओं को दी नौकरी; जानें- उनकी सफलता की कहानी

Pravasi Bhartiya Diwas 2021 टिहरी जिले की घनसाली तहसील के ग्राम ढुंग निवासी दर्शन लाल आर्य आज दिल्ली और महाराष्ट्र सहित दुनिया के कई देशों में रहने वाले अनिवासी भारतीयों के बीच एक बड़ा नाम है। 54 वर्षीय दर्शन लाल की सफलता की कहानी किसी परीकथा सरीखी है।

By Edited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 10:21 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 09:16 AM (IST)
अनिवासी भारतीयों के लिए देवदूत से कम नहीं दर्शन लाल, कई युवाओं को दी नौकरी; जानें- उनकी सफलता की कहानी
अनिवासी भारतीयों के लिए देवदूत से कम नहीं दर्शन लाल।

अनुराग उनियाल, नई टिहरी। Pravasi Bhartiya Diwas 2021 टिहरी जिले की घनसाली तहसील के ग्राम ढुंग निवासी दर्शन लाल आर्य आज दिल्ली और महाराष्ट्र सहित दुनिया के कई देशों में रहने वाले अनिवासी भारतीयों के बीच एक बड़ा नाम है। 54 वर्षीय दर्शन लाल की सफलता की कहानी किसी परीकथा सरीखी है। उन्होंने न सिर्फ खुद को बुलंदियों तक पहुंचाया, बल्कि कई युवाओं को भी देश-विदेश में रोजगार से जोड़ने का कार्य किया। कोरोना काल में भी वह अपनी सामाजिक जिम्मेदारी भूले नहीं और घनसाली ब्लॉक के लगभग सभी गांवों में जरूरतमंदों को राशन और अन्य सामग्री वितरित करने का कार्य करते रहे।

loksabha election banner

घनसाली तहसील के ढुंग गांव निवासी लोक कलाकार स्व. गिरीराज और उनकी पत्नी स्व. माला देवी के घर दस अक्टूबर 1967 को दर्शन लाल का जन्म हुआ। गांव से ही दसवीं तक की पढ़ाई करने के बाद दर्शन लाल वर्ष 1983 में होटल में काम करने पुणो चले गए। वहां उन्होंने होटल में साफ-सफाई का काम किया और धीरे-धीरे हेल्पर तक पहुंचने के बाद किचन में कुक बने। वर्ष 1999 में दर्शन लाल जापान चले गए और वहां कुछ सालों तक होटल में नौकरी की। जब इससे संतुष्टि नहीं मिली तो वर्ष 2018 में उन्होंने अजंता-एलोरा नाम से क्योटो शहर में अपने रेस्तरां की श्रृंखला शुरू की। इसे उनके बच्चे संचालित कर रहे हैं। महाराष्ट्र में भी उनका एक रेस्तरां था, जो कोरोना काल में बंद है। 

दर्शन लाल कहते हैं कि उन्होंने संघर्ष के दिनों में विदेश में बहुत कुछ सहा, इसलिए वह विदेश में नौकरी करने वाले युवाओं की परेशानी जानते हैं। जब वह पुणो के होटल में काम करते थे, कई गांवों के युवाओं को उन्होंने अपने घर पर ही छुरी चलाने और खाना बनाने का प्रशिक्षण दिया। साथ ही उनकी पांच सितारा होटल में नौकरी भी लगवाई। जापान स्थित उनके रेस्तरां में भी क्षेत्र के दस युवा नौकरी कर रहे हैं।

कोरोना काल में निभाया सामाजिक दायित्व

कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान दर्शन लाल ने घनसाली तहसील के सैंकड़ों गांवों में जरूतमंदों को राशन, मास्क और सैनिटाइजर का वितरण किया। इस दौरान वह खुद ही ट्रक में सामान भरकर गांव-गांव गए और ग्रामीणों की मदद की। बकौल दर्शन लाल, पहाड़ का युवा अपनी पढ़ाई के कारण कई बार पिछड़ जाता है। इसीलिए उन्होंने घनसाली में एक होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट खोलने का फैसला किया। इसका भवन तैयार हो चुका है और आगामी फरवरी से यहां पाठ्यक्रम भी शुरू करा दिए जाएंगे। इंस्टीट्यूट से पासआउट बच्चों को वह विदेश में नौकरी के लिए भेजेंगे।

यह भी पढ़ें- Pravasi Bhartiya Diwas 2021: गरीबी में गांव छोड़ विदेश गए, फहराया परचम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.