भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में किया जाए शामिल
जागरण संवाददाता जौनपुर भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल न करना भोजपुरी भाषी लोग
जागरण संवाददाता, जौनपुर : भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल न करना भोजपुरी भाषी लोगों के साथ अन्याय है। भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता न मिल पाने से इस भाषा का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है जो राष्ट्रहित में नहीं है।
ये बातें शिक्षाविद् डा. ब्रजेश कुमार यदुवंशी ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर रविवार को सिविल लाइन में आयोजित संगोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि संवैधानिक दर्जा न मिलने से भोजपुरी साहित्यकारों को भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, सरस्वती सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार नहीं मिल पाता है। अध्यक्षता करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. आलोक दीपक उपाध्याय ने कहा कि भोजपुरी भाषा को मान्यता मिलने से हिन्दी साहित्य और भी समृद्ध होगा। इस मौके पर शैलेंद्र सिंह, संतोष मिश्रा, रोहित सिंह, राहुल सिंह, रमेश मौर्या, अवनीश यादव, सचिन यादव, विवेक तिवारी, नवनीत यादव आदि उपस्थित रहे। स्वागत अमर सिंह व संचालन कृष्ण मुरारी ने किया। आभार अनिल केसरी ने व्यक्त किया।