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अक्षय नवमी पर आंवला के पेड़ का होगा पूजन, पूजा आज

बगहा। कार्तिक मास का हिदू समाज में काफी महत्व है। इसी माह में छठ पूजा के बाद नवमी तिथि आती है। शुक्ल पक्ष के इस नवमी तिथि को भी काफी महत्व दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 12:47 AM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 12:47 AM (IST)
अक्षय नवमी पर आंवला के पेड़ का होगा पूजन, पूजा आज
अक्षय नवमी पर आंवला के पेड़ का होगा पूजन, पूजा आज

बगहा। कार्तिक मास का हिदू समाज में काफी महत्व है। इसी माह में छठ पूजा के बाद नवमी तिथि आती है। शुक्ल पक्ष के इस नवमी तिथि को भी काफी महत्व दिया गया है। इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा की जाती है। इस बार यह पूजा सोमवार को है। इसे आंवला नवमी के रूप में भी जाना जाता है। पेड़ को पीला धागा से बांधकर 108 बार परिक्रमा करने का भी रिवाज है। इस दिन इस पेड़ की पूजा कर खीर, पूड़ी, सब्जी व मिष्ठान्न से भोग लगाया जाता है। कई धर्मप्रेमी पेड़ की छांव में हीं ब्राह्मण भोज का भी आयोजन करते हैं। साथ ही सपरिवार बैठकर इसके छांव में ही भोजन भी ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। शास्त्रों के अनुसार आंवला, पीपल, वटवृक्ष शमी व आम और कदंब के वृक्ष को पुरुषार्थ दिलाने वाला कहा गया है। इनके समीप जप-तप पूजा-पाठ करने से इंसान के सभी पाप मिट जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस नवमी से हीं सतयुग व त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। इसलिए किसी तरह के दान-पुण्य के लिए भी यह दिन अनुकूल व शुभ माना गया है। वैसे पृथ्वी पर मौजूद आंवला को अमृत फल भी कहा जाता है। जिसमें कई रोगों से लड़ने की क्षमता होती है। इसलिए भी इसके पूजन का प्रचलन है। पंडित अजय दुबे ने बताया कि इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य, आरोग्य, संतान सुख की प्राप्ति के लिए पूजा करती है। माना जाता है कि आंवला पेड़ पर कई देवताओं का निवास होता है। जिसकी पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। बता दें कि नगर से लेकर प्रखंड तक आंवला वृक्ष की पूजा की जाती है।

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